Maharana Pratap Quotes, Status, and Thoughts in Hindi

गौरव, मान-मर्यादा और आत्म सम्मान से बढ़कर कीमती जीवन भी नहीं है।

गौरव, मान-मर्यादा और आत्म सम्मान से बढ़कर कीमती जीवन भी नहीं है।

जो विकट परिस्थिति में भी झुक कर हार नहीं मानते वो हार कर भी जीतते है।

जो विकट परिस्थिति में भी झुक कर हार नहीं मानते वो हार कर भी जीतते है।

अपने बड़ों के आगे झुक कर समस्त संसार को झुकाया जा सकता है।

अपने बड़ों के आगे झुक कर समस्त संसार को झुकाया जा सकता है।

सत्य, परिश्रम और संतोष सुखमय जीवन के साधन है परंतु अन्याय के प्रतिकार के लिए हिंसा की आवश्यक है।

सत्य, परिश्रम और संतोष सुखमय जीवन के साधन है परंतु अन्याय के प्रतिकार के लिए हिंसा की आवश्यक है।

हल्दीघाटी के युध्द ने मेरा सब कुछ छीन लिया हो पर मेरा गौरव और शान को बढ़ा दिया।

हल्दीघाटी के युध्द ने मेरा सब कुछ छीन लिया हो पर मेरा गौरव और शान को बढ़ा दिया।

अगर इरादा नेक और मजबूत है तो मनुष्य की पराजय नहीं विजय होती है।

अगर इरादा नेक और मजबूत है तो मनुष्य की पराजय नहीं विजय होती है।

वक्त इतना बलवान होता है कि एक राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है।

वक्त इतना बलवान होता है कि एक राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है।

मनुष्य का गौरव और आत्मसम्मान उसकी सबसे बड़ी कमाई होती है।

मनुष्य का गौरव और आत्मसम्मान उसकी सबसे बड़ी कमाई होती है।

समय एक ताकतवर और साहसी को ही अपनी विरासत देता है।

समय एक ताकतवर और साहसी को ही अपनी विरासत देता है।

सम्मानहीन मनुष्य एक मृत व्यक्ति के समान होता है।

सम्मानहीन मनुष्य एक मृत व्यक्ति के समान होता है।

मातृभूमि और अपनी माँ में तुलना करना और अंतर समझना मूर्खों का काम है।

मातृभूमि और अपनी माँ में तुलना करना और अंतर समझना मूर्खों का काम है।

यह संसार कर्मवीरों की ही सुनता है इसीलिए अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रशस्त रहें।

यह संसार कर्मवीरों की ही सुनता है इसीलिए अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रशस्त रहें।

अपने अच्छे समय में अपने कर्म को इतना विश्वास पात्र बना लो कि बुरा वक्त आने पर वो उसे भी अच्छा बना दे।

अपने अच्छे समय में अपने कर्म को इतना विश्वास पात्र बना लो कि बुरा वक्त आने पर वो उसे भी अच्छा बना दे।

जो सुख में अति प्रसन्न और विपत्ति में डर के झुक जाते हैं उन्हें ना सफलता मिलती है ना कोई इतिहास में जगह देता है।

जो सुख में अति प्रसन्न और विपत्ति में डर के झुक जाते हैं उन्हें ना सफलता मिलती है ना कोई इतिहास में जगह देता है।

अपने और अपने परिवार के अलावा जो अपने राष्ट्र के बारे में सोचें वही सच्चा नागरिक होता है।

अपने और अपने परिवार के अलावा जो अपने राष्ट्र के बारे में सोचें वही सच्चा नागरिक होता है।

मनुष्य अपने कठिन परिश्रम और कष्टों से ही अपने नाम को अमर कर सकता है।

मनुष्य अपने कठिन परिश्रम और कष्टों से ही अपने नाम को अमर कर सकता है।

कष्ट, विपत्ति और संकट ये जीवन को मजबूत और अनुभवी बनाते हैं।

कष्ट, विपत्ति और संकट ये जीवन को मजबूत और अनुभवी बनाते हैं।

अन्याय और अधर्म आदि का विनाश करना पूरी मानव जाति का कर्तव्य है।

अन्याय और अधर्म आदि का विनाश करना पूरी मानव जाति का कर्तव्य है।

शत्रु सफल और शौर्यवान व्यक्ति के ही होते है।

शत्रु सफल और शौर्यवान व्यक्ति के ही होते है।

तब तक परिश्रम करते रहो जब तक तुम्हें तुम्हारी मंजिल ना मिल जाए।

तब तक परिश्रम करते रहो जब तक तुम्हें तुम्हारी मंजिल ना मिल जाए।