गरीबी सभी मानव अधिकारों की अनुपस्थिति के समान है। घोर गरीबी से उत्पन्न कुंठा, दुश्मनी और क्रोध किसी भी समाज में शांति बने रहने नहीं दे सकते।
अच्छी शिक्षा तक पहुँच ने मुझे उस बांग्लादेशी गाँव ,जहाँ मैं बड़ा हुआ था, से कहीं आगे जाने में सक्षम बना दिया।
सभी मनुष्य जन्मजात उद्यमी होते हैं। कुछ को यह क्षमता दिखाने का मौका मिलता है। कुछ को कभी नहीं मिलता , कभी नहीं पता चला की इसमें या उसमे ये क्षमता है।
जहाँ प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण है वहीँ वास्तव में मायने ये रखता है कि हम इसका करते क्या हैं।
खूब जियो ग्रामीण बैंक। गरीब महिलाओं की शक्ति प्रबल रहे।
मैं बैंक गया और गरीबों को ऋण देने का प्रस्ताव रखा . बैंकर्स लगभग गिर ही गए।शी है।
पैसा बनाना एक खुशी है। और यह एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। अन्य लोगों को खुश करना बहुत बड़ी खुशी है।
गरीबी इंसानो पर एक बाहरी, कृत्रिम थोपी हुई चीज है ; यह मनुष्यों में जन्मजात नहीं है। और चूँकि ये बाहरी है , इसे हटाया जा सकता है। बस ऐसा करने का सवाल है।
मैंने ऐसे लोगों की लिस्ट बनायीं जिन्हे बस थोड़े से पैसों की ज़रुरत थी। और जब वो पूरी हो गयी तो उसमे ४२ नाम थे। उन्हें जो कुल पैसों की आवश्यकता थी वो थी २७ डॉलर। मैं हैरान रह गया।