Anari Shayari, Status, and Images in Hindi

Best Anari Status, Shayari, Messages, and Quotes With Images in Hindi.

Heart Touching Anari Shayari

शतरंज का तो खिलाड़ी हूँ, लेकिन मोहब्बत में अनाड़ी हूँ।

नारी हूँ मैं, तुम भी नजरें ना फेरना, प्यार में हार जाऊँगी, ये इश्क़ न खेल है जाना।

चली गई वो किसी और के साथ, सच में मैं मोहब्बत के इस खेल में अनाड़ी निकला ।

अनारी सी बातों में छुपी है दिल की बात, कैसे कह दूँ तुमसे, हो गया है प्यार ।

वो चाँद खिला वो तारे हंसे ये रात अजब मतवली है, समझने वाले समझ गए जो ना समझे वो अनाड़ी है।

अनाड़ी बन गया हूँ तेरे प्यार में, क्या अब कबाड़ी बनाओगी प्रिये।

हर गम हँसकर झेल जाता हूँ, अनाड़ी हूँ जनाब लेकिन अच्छा खेल जाता हूँ ।

अपने दर्द का खुद शिकारी हूँ, चलो ये भी अच्छा हैं मैं अनाड़ी हूँ।

बहुत कम होते राजा दुनिया में, बाकी सारे अनाड़ी है. पहचानो हमें हम शतरंज के पुराने खिलाड़ी हैं।

सच कहते हैं लोग मैं अनाड़ी हूँ, क्युकि मुझे किसी के जज़्बात से खेलना नहीं आया।

गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी, साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं।

तूने मुझे अनाड़ी समझा कर गलती कर दी, मैं भी खिलाड़ी हूँ तेरी तरह, बस फरक इतना हैं तुम दिल से खेलती हो और मैं दिमाग से।

छोड़ दिया था सबने कभी समझ कर उसे अनाड़ी आँखें भर आई जब मैंने पाया भैया जी तो हैं बहुत बड़े खिलाड़ी।

छोटी सी मुसीबत से जो घबरा जाए वो अनाड़ी होता है, हार को भी सामने देखकर जो लड़ जाए वो खिलाड़ी होता है।

सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी!

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 शतरंज का तो खिलाड़ी हूँ, लेकिन मोहब्बत में अनाड़ी हूँ।
नारी हूँ मैं, तुम भी नजरें ना फेरना, प्यार में हार जाऊँगी, ये इश्क़ न खेल है जाना।
चली गई वो किसी और के साथ, सच में मैं मोहब्बत के इस खेल में अनाड़ी निकला ।
अनारी सी बातों में छुपी है दिल की बात, कैसे कह दूँ तुमसे, हो गया है प्यार ।
 वो चाँद खिला वो तारे हंसे ये रात अजब मतवली है, समझने वाले समझ गए जो ना समझे वो अनाड़ी है।
अनाड़ी बन गया हूँ तेरे प्यार में, क्या अब कबाड़ी बनाओगी प्रिये।
हर गम हँसकर झेल जाता हूँ, अनाड़ी हूँ जनाब लेकिन अच्छा खेल जाता हूँ ।
अपने दर्द का खुद शिकारी हूँ, चलो ये भी अच्छा हैं मैं अनाड़ी हूँ।
बहुत कम होते राजा दुनिया में, बाकी सारे अनाड़ी है. पहचानो हमें हम शतरंज के पुराने खिलाड़ी हैं।
सच कहते हैं लोग मैं अनाड़ी हूँ, क्युकि मुझे किसी के जज़्बात से खेलना नहीं आया।
गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी, साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं।
तूने मुझे अनाड़ी समझा कर गलती कर दी, मैं भी खिलाड़ी हूँ तेरी तरह, बस फरक इतना हैं तुम दिल से खेलती हो और मैं दिमाग से।
 छोड़ दिया था सबने कभी समझ कर उसे अनाड़ी आँखें भर आई जब मैंने पाया भैया जी तो हैं बहुत बड़े खिलाड़ी।
छोटी सी मुसीबत से जो घबरा जाए वो अनाड़ी होता है, हार को भी सामने देखकर जो लड़ जाए वो खिलाड़ी होता है।
 सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी!