Bekhudi Shayari, Status, and Images in Hindi

दर्द काफी है बेखुदी के लिए, मौत काफी है ज़िन्दगी के लिए, कौन मरता है किसी के लिए, हम तो ज़िंदा है आपके लिए!

दर्द काफी है बेखुदी के लिए, मौत काफी है ज़िन्दगी के लिए, कौन मरता है किसी के लिए, हम तो ज़िंदा है आपके लिए!

कई ख़्वाब मुस्कुरायें सरेआम बेखुदी में, मेरे लबों पे आ गया जान तेरा नाम बेखुदी में…

कई ख़्वाब मुस्कुरायें सरेआम बेखुदी में, मेरे लबों पे आ गया जान तेरा नाम बेखुदी में…

बेखुदी वो नहीं कि हम, तेरे तसव्वुर में खो जाएं, यकीनन बेखुदी वो है, कि तुझको भूल ना पाएं

बेखुदी वो नहीं कि हम, तेरे तसव्वुर में खो जाएं, यकीनन बेखुदी वो है, कि तुझको भूल ना पाएं

बेखुदी कि जिन्दगी जिया नही करते, जाम दूसरो का छीन कर पिया नही करते, उनको मुहब्बत है तो आ के इजहार करे, पीछा हम भी किसी का किया नही करते…

बेखुदी कि जिन्दगी जिया नही करते, जाम दूसरो का छीन कर पिया नही करते, उनको मुहब्बत है तो आ के इजहार करे, पीछा हम भी किसी का किया नही करते…

आपकी याद आती रही रात भर, बेखुदी में हंसाती रही रात भर, चांद मेरे संग सफर में ही रहा, चांदनी गुनगुनाती रही रात भर

आपकी याद आती रही रात भर, बेखुदी में हंसाती रही रात भर, चांद मेरे संग सफर में ही रहा, चांदनी गुनगुनाती रही रात भर

यहाँ कोई न जी सका न जी सकेगा होश में  मिटा दे नाम होश का शराब ला शराब ला

यहाँ कोई न जी सका न जी सकेगा होश में मिटा दे नाम होश का शराब ला शराब ला

हमारी बेखुदी का हाल वो पूछे अगर, तो कहना होश बस इतना है की, तुमको याद करते है

हमारी बेखुदी का हाल वो पूछे अगर, तो कहना होश बस इतना है की, तुमको याद करते है

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है

बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं 'ग़ालिब' कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है

बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं 'ग़ालिब' कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है

डाला है बेख़ुदी ने अजब राह पर मुझे, आँखें हैं और कुछ नहीं आता नज़र मुझे…

डाला है बेख़ुदी ने अजब राह पर मुझे, आँखें हैं और कुछ नहीं आता नज़र मुझे…

सबसे आला सबसे उम्दा आशिक़ी है शायरी सच मैं बोलूँ तो खुदा की नौकरी है शायरी

सबसे आला सबसे उम्दा आशिक़ी है शायरी सच मैं बोलूँ तो खुदा की नौकरी है शायरी

 तुम्हारे बाद कुछ नहीं हुआ सिवा इसके के मेरी वक़्त से, खु़दा से, खु़द से बनती नहीं

तुम्हारे बाद कुछ नहीं हुआ सिवा इसके के मेरी वक़्त से, खु़दा से, खु़द से बनती नहीं

शाम-ए-ग़म कुछ  उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो बेख़ुदी बढ़ती चली है राज़ की बातें करो.

शाम-ए-ग़म कुछ उस निगाह-ए-नाज़ की बातें करो बेख़ुदी बढ़ती चली है राज़ की बातें करो.

मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें, बेखुदी मे कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे

मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें, बेखुदी मे कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे

बे-ख़ुदी में ले लिया बोसा ख़ता कीजे मुआफ़ ये दिल-ए-बेताब की सारी ख़ता थी मैं न था

बे-ख़ुदी में ले लिया बोसा ख़ता कीजे मुआफ़ ये दिल-ए-बेताब की सारी ख़ता थी मैं न था