Berukhi Wali Shayari for Lovers – Sad Shayari on Berukhi

कभी मोहब्बत की शुरुआत में वो लफ़्ज़ होते हैं जो दिल छू जाते हैं,
लेकिन जब वही मोहब्बत बेरुखी में बदल जाती है, तो हर लफ़्ज़ तीर की तरह चुभता है।
Berukhi Wali Shayari for Lovers उसी दर्द की दास्तां है, जहाँ एक ने दिल से चाहा… और दूसरे ने नज़रें फेर लीं।

बेरुखी तब सबसे ज़्यादा तकलीफ़ देती है, जब वो शख़्स जिसे हम जान से ज़्यादा चाहते हैं,
हमारे दर्द को महसूस करने के बजाय अनजान बन जाए।
वो जो पहले हर बात में साथ था, आज खामोशी को भी समझने से इनकार कर देता है — और यही सच्चे प्यार की सबसे बड़ी सज़ा होती है।

इस ब्लॉग में हम लाए हैं सबसे गहराई से निकली हुई, Sad Shayari on Berukhi,
जो उन आशिकों के लिए है जिन्होंने सच्चा इश्क़ तो किया… पर जवाब में मिली सिर्फ ख़ामोशी और बेपरवाही।
क्योंकि जब मोहब्बत की जगह बेरुखी ले ले, तो शायरी ही वो रास्ता होती है जहाँ दिल अपना दर्द रख देता है।

 इस दिल को आखिरकार कुछ तो मिला, तेरी महोब्बत ना सही लेकिन तेरी बेरुखी का हिस्सा तो बना।

इस दिल को आखिरकार कुछ तो मिला, तेरी महोब्बत ना सही लेकिन तेरी बेरुखी का हिस्सा तो बना।

 उनकी बेरुखी ने हमें इतना सताया है की हर दिन हमने अपना तन्हा ही बिताया है।

उनकी बेरुखी ने हमें इतना सताया है की हर दिन हमने अपना तन्हा ही बिताया है।

 तेरी यादो का सिलसिला कभी ख़त्म ना होगा, तेरे जाने के बाद अब इस दिल को फिर किसी से इश्क़ ना होगा।

तेरी यादो का सिलसिला कभी ख़त्म ना होगा, तेरे जाने के बाद अब इस दिल को फिर किसी से इश्क़ ना होगा।

वो रूठे है हमसे कुछ ऐसे, की अब दोबारा नहीं मिलना चाहते वो हमसे।

वो रूठे है हमसे कुछ ऐसे, की अब दोबारा नहीं मिलना चाहते वो हमसे।

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरूखी तेरी, फिर भी बेइम्तहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी.

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरूखी तेरी, फिर भी बेइम्तहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी.

जख्म तो कई दिए जिंदगी ने मुझे लेकिन उतना दर्द ना हुआ जितना दर्द तेरी बेरुखी ने दिया।

जख्म तो कई दिए जिंदगी ने मुझे लेकिन उतना दर्द ना हुआ जितना दर्द तेरी बेरुखी ने दिया।

 अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का दिल ही तो था भर गया होगा।

अब गिला क्या करना उनकी बेरुखी का दिल ही तो था भर गया होगा।

 अब कैसे समझाऊ इस दिल को की अब वो वापस लौटकर नहीं आने वाले।

अब कैसे समझाऊ इस दिल को की अब वो वापस लौटकर नहीं आने वाले।

पहले सी बात न थी, इश्क अब फीका था, अभी-अभी उन्होंने नजरअंदाजी का हुनर सीखा था.

पहले सी बात न थी, इश्क अब फीका था, अभी-अभी उन्होंने नजरअंदाजी का हुनर सीखा था.

काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह, और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह!

काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह, और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह!

तेरी दुनिया में मुझे एक पल दे दे, मेरी बेरुखी ज़िन्दगी का गुज़रा हुआ कल दे दे, वो वक्त जो गुज़ारा था साथ तेरे, अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हल दे दे।

तेरी दुनिया में मुझे एक पल दे दे, मेरी बेरुखी ज़िन्दगी का गुज़रा हुआ कल दे दे, वो वक्त जो गुज़ारा था साथ तेरे, अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हल दे दे।

आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई!

आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई!

बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं!

बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं!

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे।

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे।

मतलब क्या हुआ बेरूखी का, है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का, उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा, बुझ गया वो चिराग कभी का.

मतलब क्या हुआ बेरूखी का, है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का, उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा, बुझ गया वो चिराग कभी का.

में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी को भुलाने के लिए न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के भी में जी लेता हु।

में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी को भुलाने के लिए न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के भी में जी लेता हु।

 इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है।

इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है।

बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।

बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।

दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.

दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो  हमे आजमाते गए।

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो हमे आजमाते गए।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।