Chup Shayari, Status, and Images in Hindi

जरूरी नहीं प्यार में सब कुछ कहना प्यार जताने का नया तरीका हैं चुप रहना।

जरूरी नहीं प्यार में सब कुछ कहना प्यार जताने का नया तरीका हैं चुप रहना।

चुप रहना मजबूरी सी बन जाता है जब आपके बोलने से आपका प्यार फस सकता हो।

चुप रहना मजबूरी सी बन जाता है जब आपके बोलने से आपका प्यार फस सकता हो।

हम अपने दिल की बात दिल में ही दबाए फिरते हैं हम एक तरफा प्यार कर तुड़पते फिर रहे हैं।

हम अपने दिल की बात दिल में ही दबाए फिरते हैं हम एक तरफा प्यार कर तुड़पते फिर रहे हैं।

तेरे बारे में बुरा सुनकर चुप रहा नहीं जाता जो बोले तेरे बारे में उससे ही हूँ मैं लड़ जाता।

तेरे बारे में बुरा सुनकर चुप रहा नहीं जाता जो बोले तेरे बारे में उससे ही हूँ मैं लड़ जाता।

यह चुप रहना मेरी तब ताकत बन जाता है जब कोई गलत बोलने के बाद पछताता है।

यह चुप रहना मेरी तब ताकत बन जाता है जब कोई गलत बोलने के बाद पछताता है।

मुझे भी आता है अंदाज़ दिल तोड़ने के हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।

मुझे भी आता है अंदाज़ दिल तोड़ने के हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।

जो हमारी पीठ पीछे हमारी बुराई करते हैं सामबे आकर चुप हो जाते हैं उनकी ज़ुबान नहीं खुलती।

जो हमारी पीठ पीछे हमारी बुराई करते हैं सामबे आकर चुप हो जाते हैं उनकी ज़ुबान नहीं खुलती।

मेरा चुप रहना मेरे दुश्मनों को खलता है उन्हें मालूम है शेर खामोशी से ही वार करता है।

मेरा चुप रहना मेरे दुश्मनों को खलता है उन्हें मालूम है शेर खामोशी से ही वार करता है।

बिना बात के किसीसे ज्यादा ना बोला कीजिए दिल भी आजकल सोच समझ कर खोला कीजिए।

बिना बात के किसीसे ज्यादा ना बोला कीजिए दिल भी आजकल सोच समझ कर खोला कीजिए।

अक्सर पूछते हैं लोग के चुप चाप से क्यों रहते हो अपने दिल की बातें किसीसे क्यों ना कहते हो।

अक्सर पूछते हैं लोग के चुप चाप से क्यों रहते हो अपने दिल की बातें किसीसे क्यों ना कहते हो।

चुपचाप चले थे जिन्दगी के सफ़र में तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गये।

चुपचाप चले थे जिन्दगी के सफ़र में तुम पर नजर पड़ी और गुमराह हो गये।

सच कहूँ तो सवाल करते हैं लोग चुप रहूँ तो इस्तेमाल करते हैं लोग।

सच कहूँ तो सवाल करते हैं लोग चुप रहूँ तो इस्तेमाल करते हैं लोग।

कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।

कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।

चुप रहूंगा जुबान ना खोलूंगा तुम बेवफाई करना या वफ़ा मैं कुछ नहीं अब बोलूंगा।

चुप रहूंगा जुबान ना खोलूंगा तुम बेवफाई करना या वफ़ा मैं कुछ नहीं अब बोलूंगा।

चुप रहना चाहें भी तो जुबान को रोक नहीं पाते हम बुरा होता देख चुप रह ही नहीं पाते।

चुप रहना चाहें भी तो जुबान को रोक नहीं पाते हम बुरा होता देख चुप रह ही नहीं पाते।

बुरा काम होता देख हम बोल पड़ते हैं अक्सर लोग हमें, जुर्म सहना सिखाना चाहते हैं।।

बुरा काम होता देख हम बोल पड़ते हैं अक्सर लोग हमें, जुर्म सहना सिखाना चाहते हैं।।