Matlabi Dost Shayari – जब दोस्त मतलब तक ही सीमित हो

दोस्ती नाम होता है साथ निभाने का, बिना किसी स्वार्थ, बिना किसी शर्त।
लेकिन आजकल के रिश्तों में दोस्ती भी मतलब तक सिमट गई है।
Matlabi Dost Shayari उन जज़्बातों की आवाज़ है, जो तब टूट जाते हैं जब आप सोचते हैं कोई अपना है… और वो बस जरूरत पड़ने पर ही याद करता है।

मतलबी दोस्त पहले आपके साथ हँसते हैं, बातें करते हैं, भरोसा बनाते हैं —
फिर जब उन्हें आपकी ज़रूरत नहीं रहती, तो आपको पहचानना भी छोड़ देते हैं।
ऐसे रिश्तों से ज़्यादा दर्दनाक कुछ नहीं होता, जहाँ मोहब्बत एकतरफा हो और मतलब दोतरफा।
शायरी ही तब वो रास्ता बनती है जिससे दिल की तन्हाई को आवाज़ मिलती है।

इस ब्लॉग में हम लाए हैं Matlabi Doston पर करारी और सच्ची Shayari,
जो आपको न सिर्फ सुकून देगी, बल्कि उन नकली चेहरों को भी आईना दिखाएगी।
क्योंकि सच्ची दोस्ती निभाई जाती है, इस्तेमाल नहीं की जाती — और जो सिर्फ मतलब के लिए आते हैं, वो दोस्त नहीं… मौका परस्त होते हैं।

जब दोस्ती के बीच मतलब आ जाता है तो, हर मुलाक़ात में कोई न कोई मक़सद आ जाता है।

जब दोस्ती के बीच मतलब आ जाता है तो, हर मुलाक़ात में कोई न कोई मक़सद आ जाता है।

जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है, तो कई सपने टूट कर बिखर जाते है।

जब मतलबी दोस्त दिल में उतर जाते है, तो कई सपने टूट कर बिखर जाते है।

 कुछ होते हैं दोस्त लिबाज़ जैसे जो ज़रुरत के हिसाब से बदल जाते हैं।

कुछ होते हैं दोस्त लिबाज़ जैसे जो ज़रुरत के हिसाब से बदल जाते हैं।

दोस्ती के अब मतलब बदलने लगे है, जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है।

दोस्ती के अब मतलब बदलने लगे है, जब से मतलब की दोस्ती होने लगी है।

 चेहरे दो थे मेरे उस दोस्त के पास एक मतलब से पहले देखा था, और एक मतलब पूरा होने के बाद देखा है।

चेहरे दो थे मेरे उस दोस्त के पास एक मतलब से पहले देखा था, और एक मतलब पूरा होने के बाद देखा है।

यह दोस्ती का सवाल है साहब, यहां 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।

यह दोस्ती का सवाल है साहब, यहां 2 में से 1 गया तो कुछ नहीं बचता।

आज समझा मैं उसे मदद की इतनी जल्दी क्यों थी, उसे मतलब पूरा करना था और दोस्ती अधूरी छोड़नी थी।

आज समझा मैं उसे मदद की इतनी जल्दी क्यों थी, उसे मतलब पूरा करना था और दोस्ती अधूरी छोड़नी थी।

बुरा भले लगे पर मैं सच कहता हूँ, अब मतलबी दोस्तों से दूर रहता हूँ।

बुरा भले लगे पर मैं सच कहता हूँ, अब मतलबी दोस्तों से दूर रहता हूँ।

ये ज़िन्दगी सर्कस है और यहाँ बस मतलब के करतब देखने को मिलते हैं।

ये ज़िन्दगी सर्कस है और यहाँ बस मतलब के करतब देखने को मिलते हैं।

कहते है दोस्ती जिंदगी बदल देती है, पर सच, कुछ दोस्त ने मेरी जिंदगी ही बदल दी।

कहते है दोस्ती जिंदगी बदल देती है, पर सच, कुछ दोस्त ने मेरी जिंदगी ही बदल दी।

 चेहरे का रंग देख कर दोस्त मत बनाना, तन का काला चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।

चेहरे का रंग देख कर दोस्त मत बनाना, तन का काला चलेगा लेकिन मन का काला नहीं।

वाक़ई ज़माना खराब है, सबको बस पैसे से मतलब है सब मतलब के यार हैं।

वाक़ई ज़माना खराब है, सबको बस पैसे से मतलब है सब मतलब के यार हैं।

आजकल के दोस्त कहते है हर मुश्किल में हम तेरे साथ खड़े है पर जब मुश्किल आए तो कर दिए हाथ खड़े है!

आजकल के दोस्त कहते है हर मुश्किल में हम तेरे साथ खड़े है पर जब मुश्किल आए तो कर दिए हाथ खड़े है!

ढूढना ही है तो परवाह करने वालों को ढॅूढ़ीये साहेब इस्तेमाल करने वाले तो ख़द ही आपको ढॅूढ़ लेंगे !

ढूढना ही है तो परवाह करने वालों को ढॅूढ़ीये साहेब इस्तेमाल करने वाले तो ख़द ही आपको ढॅूढ़ लेंगे !

दोस्ती का मतलब अब कुछ नहीं रह गया, क्योंकि अब दोस्त ही मतलबी हो गए हैं।

दोस्ती का मतलब अब कुछ नहीं रह गया, क्योंकि अब दोस्त ही मतलबी हो गए हैं।

कड़वा है मगर सच है कुछ दोस्त नज़र ही तब आते हैं, जब उन्हें हमारी ज़रुरत होती है।

कड़वा है मगर सच है कुछ दोस्त नज़र ही तब आते हैं, जब उन्हें हमारी ज़रुरत होती है।

मतलब का सिक्का अब इस तरह चलता है, अब दोस्त से दोस्त नहीं मिलते मतलब से मतलब मिलता है।

मतलब का सिक्का अब इस तरह चलता है, अब दोस्त से दोस्त नहीं मिलते मतलब से मतलब मिलता है।

किसी से बिना सोचे समझे बात करना वैसा ही है जैसे बिना निशाना लगाए गोली चलाना।

किसी से बिना सोचे समझे बात करना वैसा ही है जैसे बिना निशाना लगाए गोली चलाना।

हम वक्त गुजारने के लिए दोस्ती को नहीं रखते, दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त गुजारते हैं।

हम वक्त गुजारने के लिए दोस्ती को नहीं रखते, दोस्तों के साथ रहने के लिए वक्त गुजारते हैं।

दोस्ती में दग़ाबाज़ी आम हो गई है, मानो दोस्ती का नाम ही सिर्फ दगाबाजी हो गयी हैं।

दोस्ती में दग़ाबाज़ी आम हो गई है, मानो दोस्ती का नाम ही सिर्फ दगाबाजी हो गयी हैं।

काम पड़े तो फिर याद कर लेना मुझे, मैं तुम्हारी तरह मतलब का यार नहीं हूँ।

काम पड़े तो फिर याद कर लेना मुझे, मैं तुम्हारी तरह मतलब का यार नहीं हूँ।

जो तुमसे प्यार करेगा वो तुम पर गुस्सा भी करेगा मतलबी लोग अक्सर चापलूसी किया करते है !

जो तुमसे प्यार करेगा वो तुम पर गुस्सा भी करेगा मतलबी लोग अक्सर चापलूसी किया करते है !

एक मतलबी दोस्त हमेशा आपके अच्छे वक़्त पर आपके साथ बैठेगा और एक सच्चा दोस्त बुरे वक़्त की बरसात में आपके साथ खड़ा रहेगा।

एक मतलबी दोस्त हमेशा आपके अच्छे वक़्त पर आपके साथ बैठेगा और एक सच्चा दोस्त बुरे वक़्त की बरसात में आपके साथ खड़ा रहेगा।

सच्चे दोस्तों की एक निशानी होती है, वो मिलने के लिए वक़्त और मतलब नहीं ढूंढते।

सच्चे दोस्तों की एक निशानी होती है, वो मिलने के लिए वक़्त और मतलब नहीं ढूंढते।

इतनी नफरत तो मेरे दुश्मन भी मेरे लिए नहीं रखते है जितनी मेरे दोस्त दिलों में नफरत लिए सादगी से मिलते हैं !

इतनी नफरत तो मेरे दुश्मन भी मेरे लिए नहीं रखते है जितनी मेरे दोस्त दिलों में नफरत लिए सादगी से मिलते हैं !

कभी किसी पर ज्यादा विश्वास मत करो जानी यहां दोस्त भी धोखा दे दिया करते हैं !

कभी किसी पर ज्यादा विश्वास मत करो जानी यहां दोस्त भी धोखा दे दिया करते हैं !

सच्चे लोग दिल में उतनी जगह नहीं बना पाते हैं, जितनी जगह मतलबी और चापलूस लोग बना लेते हैं।

सच्चे लोग दिल में उतनी जगह नहीं बना पाते हैं, जितनी जगह मतलबी और चापलूस लोग बना लेते हैं।

दोस्ती और भाईचारे वाली बातें अब हज़म नहीं होती, क्यूंकि दो दोस्तों की बात ही तब होती है जब उन्हें ज़रुरत पड़ती है।

दोस्ती और भाईचारे वाली बातें अब हज़म नहीं होती, क्यूंकि दो दोस्तों की बात ही तब होती है जब उन्हें ज़रुरत पड़ती है।

पहले शाम निकलती थी साथ बैठ कर, अब काम निकलते हैं साथ बैठ कर।

पहले शाम निकलती थी साथ बैठ कर, अब काम निकलते हैं साथ बैठ कर।

दोस्तों पर आँख बंद कर भरोसा किया था, उन्होंने ज्यादा वक़्त नहीं लगाया मेरी आँखे खोलने में।

दोस्तों पर आँख बंद कर भरोसा किया था, उन्होंने ज्यादा वक़्त नहीं लगाया मेरी आँखे खोलने में।

काम आए ना मुश्किल में कोई यहां मतलबी दोस्त हैं मतलबी यार हैं।

काम आए ना मुश्किल में कोई यहां मतलबी दोस्त हैं मतलबी यार हैं।

 असली दोस्त कभी नकली नहीं होते और नकली दोस्त कभी असली नहीं होते।

असली दोस्त कभी नकली नहीं होते और नकली दोस्त कभी असली नहीं होते।