Krishna Bhakti Shayari & Images – भक्ति और प्रेम का अनुपम संगम

जब राधा ने कृष्ण को सिर्फ प्रेम में नहीं, बल्कि आत्मा में महसूस किया — तब भक्ति और प्रेम एक हो गए।
कृष्ण सिर्फ एक नाम नहीं, वो जीवन का संगीत हैं, मुरली की मधुरता हैं, और हर भक्त के दिल में बसने वाला अनंत प्रेम हैं।
Krishna Bhakti Shayari & Images उस दिव्यता का संग्रह है, जो शब्दों में भक्ति का भाव और चित्रों में कृष्ण की करुणा को जीवंत कर देता है।

श्रीकृष्ण की मुस्कान में शांति है, उनकी आंखों में गहराई, और उनके नाम में वो शक्ति है जो सबसे कठिन समय में भी मन को शांत कर देती है।
भक्ति जब प्रेम में ढलती है और प्रेम जब कृष्ण को समर्पित होता है — तो हर लफ्ज़ संकीर्तन बन जाता है, और हर भावना आरती
इस संग्रह की हर शायरी आपको राधा-कृष्ण की प्रेममयी भक्ति में डुबो देगी, और HD इमेजेस उस एहसास को आँखों से महसूस करने का अवसर देंगी।

इस ब्लॉग में हम लाए हैं Krishna Bhakti Shayari & Images,
जो हर भक्त के मन को छू जाएंगी, और श्रीकृष्ण की भक्ति को आपकी आवाज़ बना देंगी।
क्योंकि जब प्रेम श्रीकृष्ण से जुड़ जाए, तो हर शब्द पूजा बन जाता है, और हर तस्वीर दर्शन।

न हार चाहिए ना जीत चाहिए, जीवन में अच्छी सफलता के लिए परिवार और कुछ मित्र का साथ चाहियें।

न हार चाहिए ना जीत चाहिए, जीवन में अच्छी सफलता के लिए परिवार और कुछ मित्र का साथ चाहियें।

मंज़िलें मुझे छोड़ गई, रास्तों ने संभाल लिया, जिंदगी तेरी जरूरत नहीं, कृष्ण ने मुझे संभाल लिया।

मंज़िलें मुझे छोड़ गई, रास्तों ने संभाल लिया, जिंदगी तेरी जरूरत नहीं, कृष्ण ने मुझे संभाल लिया।

सांवरे तेरी मोहब्बत को, नया अंजाम देने की तैयारी हैं। कल तक मीरा दीवानी थी, आज मेरी बारी हैं।

सांवरे तेरी मोहब्बत को, नया अंजाम देने की तैयारी हैं। कल तक मीरा दीवानी थी, आज मेरी बारी हैं।

तेरे दीदार के काबिल कहाँ मेरी नजर हैं, वो तो तेरी रहमत हैं, जो तेरा रुख इधर हैं।

तेरे दीदार के काबिल कहाँ मेरी नजर हैं, वो तो तेरी रहमत हैं, जो तेरा रुख इधर हैं।

कान्हा जी लो आज हम आपसे निकाह-ए-इश्क करते हैं. हाँ हमें आपसे मोहब्बत है मोहब्बत है , मोहब्बत है।

कान्हा जी लो आज हम आपसे निकाह-ए-इश्क करते हैं. हाँ हमें आपसे मोहब्बत है मोहब्बत है , मोहब्बत है।

राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम है, कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है।

राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम है, कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है।

जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं, तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।

जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं, तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।

जीवन में कभी भी किसी से अपनी तुलना मत कीजिये, आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं।

जीवन में कभी भी किसी से अपनी तुलना मत कीजिये, आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं।

जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं, वे देवताओं का पूजन करें।

जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं, वे देवताओं का पूजन करें।

शब्द उतने ही बाहर निकालने चाहिए, जिन्हें वापिस भी लेना पड़े तो खुद को तकलीफ न हो।

शब्द उतने ही बाहर निकालने चाहिए, जिन्हें वापिस भी लेना पड़े तो खुद को तकलीफ न हो।

आपके कर्म ही आपकी पहचान है, वरना एक नाम के हजारों इंशान हैं।

आपके कर्म ही आपकी पहचान है, वरना एक नाम के हजारों इंशान हैं।

एक बार माफ़ करके अच्छे बन जाओ, पर दुबारा उसी इन्सान पर भरोसा करके बेवकूफ कभी न बनो।

एक बार माफ़ करके अच्छे बन जाओ, पर दुबारा उसी इन्सान पर भरोसा करके बेवकूफ कभी न बनो।

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।

मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मो पर चलता है, जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है।

मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मो पर चलता है, जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है।

जीवन में समय चाहे जैसा भी हो, परिवार के साथ रहो, सुख हो तो बड़ जाता है, और दुःख हो तो बट जाता है।

जीवन में समय चाहे जैसा भी हो, परिवार के साथ रहो, सुख हो तो बड़ जाता है, और दुःख हो तो बट जाता है।

बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।

बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।

अमीर बनने के लिए एक एक क्षण संग्रह करना पड़ता है, किन्तु अमर बनने के लिए एक एक कण बांटना पड़ता है।।

अमीर बनने के लिए एक एक क्षण संग्रह करना पड़ता है, किन्तु अमर बनने के लिए एक एक कण बांटना पड़ता है।।

यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते हैं, तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए।

यदि आप किसी के साथ मित्रता नहीं कर सकते हैं, तो उसके साथ शत्रुता भी नहीं करना चाहिए।

मन अशांत हो तो उसे नियंत्रित करना कठिन हैं, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता हैं।

मन अशांत हो तो उसे नियंत्रित करना कठिन हैं, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता हैं।

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे, अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।

ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे, अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए।

उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा.जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।

उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा.जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।

मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।

मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है।

मान, अपमान, लाभ-हानि खुश हो जाना या दुखी हो जाना यह सब मन की शरारत है।

मान, अपमान, लाभ-हानि खुश हो जाना या दुखी हो जाना यह सब मन की शरारत है।

आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशाषित रहो, उठो।

आत्म-ज्ञान की तलवार से काटकर अपने ह्रदय से अज्ञान के संदेह को अलग कर दो. अनुशाषित रहो, उठो।

जब हम स्वयं जीवन के शिल्पकार हैं, तो चलो हम अपनी मुश्किलें को हराते हैं, जीवन में मुस्कुराते हैं।

जब हम स्वयं जीवन के शिल्पकार हैं, तो चलो हम अपनी मुश्किलें को हराते हैं, जीवन में मुस्कुराते हैं।

प्रहलाद जैसा विश्वास हो, भीलनी जैसी आस हो द्रोपदी जैसी पुकार हो, मीरा जैसा इंतजार हो तो कृष्ण को आना ही पड़ता है।

प्रहलाद जैसा विश्वास हो, भीलनी जैसी आस हो द्रोपदी जैसी पुकार हो, मीरा जैसा इंतजार हो तो कृष्ण को आना ही पड़ता है।

जीवन में आधे दुख इस कारण जन्म लेते हैं क्योंकि उनसे आशाएं बड़ी होती है, इन आशाओं का त्याग करके देखो जीवन में सुख ही सुख है।

जीवन में आधे दुख इस कारण जन्म लेते हैं क्योंकि उनसे आशाएं बड़ी होती है, इन आशाओं का त्याग करके देखो जीवन में सुख ही सुख है।

जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं, जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं, उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।

जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं, जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं, उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।

लोग कहते हैं अपनों के आगे झुक जाना चाहिए, किंतु सच बात तो यह है जो अपने होते हैं वह कभी झुकने नहीं देते।

लोग कहते हैं अपनों के आगे झुक जाना चाहिए, किंतु सच बात तो यह है जो अपने होते हैं वह कभी झुकने नहीं देते।

इस संसार में मूर्ख व्यक्ति, अधर्मी, अज्ञानी व नास्तिक प्रकृति का व्यक्ति, मेरी शरण स्वीकार नहीं कर सकता।

इस संसार में मूर्ख व्यक्ति, अधर्मी, अज्ञानी व नास्तिक प्रकृति का व्यक्ति, मेरी शरण स्वीकार नहीं कर सकता।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।

मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है, जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।

मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।

मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।