अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ, जिनकी हमे छूने की औकात नहीं होती! - Aukat Shayari

अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ, जिनकी हमे छूने की औकात नहीं होती!

Aukat Shayari