Berukhi Status, Shayari, and Images in Hindi

 जब जब मुझे लगा मैं तेरे लिए ख़ास हूँ तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया मैं झूठी आस में हूँ !

जब जब मुझे लगा मैं तेरे लिए ख़ास हूँ तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया मैं झूठी आस में हूँ !

अभी कमजोर हूँ तो कमजोर ही रहने दो यूँ बेरुखी से तो मैं भी पत्थर हो जाऊँगा!

अभी कमजोर हूँ तो कमजोर ही रहने दो यूँ बेरुखी से तो मैं भी पत्थर हो जाऊँगा!

नमक भी छिड़क कर देखा जख्मों पर तेरी बेरुखी ज्यादा दर्द देती है

नमक भी छिड़क कर देखा जख्मों पर तेरी बेरुखी ज्यादा दर्द देती है

पहाड़ियों की तरह खामोश है आज के संबंध और रिश्ते जब तक हम न पुकारे उधर से आवाज ही नहीं आती !

पहाड़ियों की तरह खामोश है आज के संबंध और रिश्ते जब तक हम न पुकारे उधर से आवाज ही नहीं आती !

इतनी बेरुखी दिखा कर के तुझे क्या मिलेगा क्या तू रब है जो मरने के बाद मिलेगा !

इतनी बेरुखी दिखा कर के तुझे क्या मिलेगा क्या तू रब है जो मरने के बाद मिलेगा !

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे!

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे!

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !

मुझसे दुरिया बनाकर तो देखो फिर पता चलेगा कितना नजदीक हू में !

मुझसे दुरिया बनाकर तो देखो फिर पता चलेगा कितना नजदीक हू में !

हमारी चाहत को आपने हमारी बेरुखी बना दी क्या भूल थी हमारी जो आपने यह सजा दे दी !

हमारी चाहत को आपने हमारी बेरुखी बना दी क्या भूल थी हमारी जो आपने यह सजा दे दी !

हमारी बेरुखी अब इस कदर बढ़ गई है तुमसे बात तो मुमकिन है पर हम कोशिश नहीं करना चाहते !

हमारी बेरुखी अब इस कदर बढ़ गई है तुमसे बात तो मुमकिन है पर हम कोशिश नहीं करना चाहते !

जब-जब मुझे लगा मैं तेरे लिए खास हूँ तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया मैं झूठी आस में हूँ !

जब-जब मुझे लगा मैं तेरे लिए खास हूँ तेरी बेरुखी ने ये समझा दिया मैं झूठी आस में हूँ !

चाहते थे हम आपके अल्फाज बनना पर आपने तो हमारी बेरुखी चुन ली !

चाहते थे हम आपके अल्फाज बनना पर आपने तो हमारी बेरुखी चुन ली !

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।

देखी है बेरुखी की आज हम ने इन्तेहाँ हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।

इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है !

इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है !

काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह, और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह.

काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह, और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह.

हज़ार शिकवे कई दिनों की बेरूखी बस उनकी एक हँसी और सब रफा-दफा !

हज़ार शिकवे कई दिनों की बेरूखी बस उनकी एक हँसी और सब रफा-दफा !

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी !

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी !

आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई.

आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई.

कोई अनजान नहीं होता अपनी बेरूखी और खताओं से बस हौसला नहीं होता खुद को कटघरे में लाने का !

कोई अनजान नहीं होता अपनी बेरूखी और खताओं से बस हौसला नहीं होता खुद को कटघरे में लाने का !

बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं.

बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं.

तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की, तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते।

तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की, तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते।

इस क़दर जले है तुम्हारी बेरुख़ी से, के अब आग से भी सुकून सा मिलने लगा है !

इस क़दर जले है तुम्हारी बेरुख़ी से, के अब आग से भी सुकून सा मिलने लगा है !

काश वह समझते इस दिल की तड़प को, तो यूँ रुसवा ना किया होता, उनकी ये बेरूखी भी मंजूर थी हमें, बस एक बार हमें समझ लिया होता.

काश वह समझते इस दिल की तड़प को, तो यूँ रुसवा ना किया होता, उनकी ये बेरूखी भी मंजूर थी हमें, बस एक बार हमें समझ लिया होता.

हजारों जवाब से अच्छी मेरी ख़ामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।

हजारों जवाब से अच्छी मेरी ख़ामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।

तेरी ये बेरूखी किस काम की रह जायेगी आ गया जिस रोज अपने दिल को समझाना मुझे !

तेरी ये बेरूखी किस काम की रह जायेगी आ गया जिस रोज अपने दिल को समझाना मुझे !

कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने, कि लोग आप से तुम तक और तुम से जान तक फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं.

कभी ऐसी भी बेरूखी देखी है हमने, कि लोग आप से तुम तक और तुम से जान तक फिर जान से अनजान तक हो जाते हैं.

कुछ बेरुखी से ही सही पर देखते तो हो ये आपकी नफरत है कि एहसान आपका !

कुछ बेरुखी से ही सही पर देखते तो हो ये आपकी नफरत है कि एहसान आपका !

भरी सख्ती मिजाज़ों में नहीं पैदायशी हैं हम किसी की बेरूखी झेली पिघल के फिर जमे हैं हम !

भरी सख्ती मिजाज़ों में नहीं पैदायशी हैं हम किसी की बेरूखी झेली पिघल के फिर जमे हैं हम !

देख कर बेरूखी उनकी इस कदर आज, ना जाने क्यों आँखें हमारी नम हो गई, दरवाजें तो पहले ही बंद हो गये थे उनके, मगर अब तो खिड़कियाँ भी बंद हो गई.

देख कर बेरूखी उनकी इस कदर आज, ना जाने क्यों आँखें हमारी नम हो गई, दरवाजें तो पहले ही बंद हो गये थे उनके, मगर अब तो खिड़कियाँ भी बंद हो गई.

तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने, प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने, मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे, आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने.

तेरी बेरूखी को भी रूतबा दिया हमने, प्यार का हर फ़र्ज अदा किया हमने, मत सोच कि हम भूल गयें है तुझे, आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने.

आज देखी है हमनें भी बेरुखी की इन्तेहाँ हम पर नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए !

आज देखी है हमनें भी बेरुखी की इन्तेहाँ हम पर नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए !

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है !