Majburi Shayari, Status, and Images in Hindi

ऐसे मोड़ पर खड़ा कर देती हे मजबूरिया की इंसान बुराइया अपना लेता हे अछाईया छोड़ कर।

ऐसे मोड़ पर खड़ा कर देती हे मजबूरिया की इंसान बुराइया अपना लेता हे अछाईया छोड़ कर।

वफ़ा करो आपको कुछ अलग ही करना हे तो वरना मजबूरि का नाम लेकर बेवफाईया तो सभी करते हे।

वफ़ा करो आपको कुछ अलग ही करना हे तो वरना मजबूरि का नाम लेकर बेवफाईया तो सभी करते हे।

जब कोई इंसान नज़र अंदाज़ करना शुरू करदे तोह समझ लेना उसकी ज़रूरतें पूरी हो गई है।

जब कोई इंसान नज़र अंदाज़ करना शुरू करदे तोह समझ लेना उसकी ज़रूरतें पूरी हो गई है।

वो करीब तो बहुत है मगर कुछ दूरी के साथ हम दोनों जी तो रहे है मगर मजबूरी के साथ !

वो करीब तो बहुत है मगर कुछ दूरी के साथ हम दोनों जी तो रहे है मगर मजबूरी के साथ !

बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ !

बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ !

कोई समझता नहीं किसी की मजबूरी दिल टूटे तो दर्द होता हे मगर कोई कहता नहीं।

कोई समझता नहीं किसी की मजबूरी दिल टूटे तो दर्द होता हे मगर कोई कहता नहीं।

एक ही समझती है मजबूरी हमारी वो है तुम्हारी भाभी हम दोनों की किश्मत की उनके हाथ में है चाभी !

एक ही समझती है मजबूरी हमारी वो है तुम्हारी भाभी हम दोनों की किश्मत की उनके हाथ में है चाभी !

जी भरके ज़ुल्म कर लो मुझपे क्या पता मेरे जैसा बेजुबान न मिले तुम्हे।

जी भरके ज़ुल्म कर लो मुझपे क्या पता मेरे जैसा बेजुबान न मिले तुम्हे।

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो वरना मजबूरी का नाम लेकर वफाई तो सभी करते है !

कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो वरना मजबूरी का नाम लेकर वफाई तो सभी करते है !

वो कहते हे बहोत मजबूरिया हे साफ लफ्जो में खुद को बेवफा नहीं कहता।

वो कहते हे बहोत मजबूरिया हे साफ लफ्जो में खुद को बेवफा नहीं कहता।

मुझे पता है तुम खुश हो मेरी जुदाई से अब बस ख्याल रखना तुम्हे मेरे जैसा नहीं मिलेगा।

मुझे पता है तुम खुश हो मेरी जुदाई से अब बस ख्याल रखना तुम्हे मेरे जैसा नहीं मिलेगा।

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है !

उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है उनसे नहीं कहे पाना हमारी मजबूरी है !

एक इतेफाफ हे मिलना  और बिछड़ना मजबूरी हे  चार दिन की ये जिंदगी में होना जरुरी हे सबका साथ।

एक इतेफाफ हे मिलना और बिछड़ना मजबूरी हे चार दिन की ये जिंदगी में होना जरुरी हे सबका साथ।

कभी दिल के दूर नहीं होने देंगे नजरो से भले ही दूर ये दिल आपको कभी याद न करे इसे कभी इतना मजबूर होने नहीं देंगे।

कभी दिल के दूर नहीं होने देंगे नजरो से भले ही दूर ये दिल आपको कभी याद न करे इसे कभी इतना मजबूर होने नहीं देंगे।

ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !

ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !

दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान उसे टूट कर चाहा और चाहा, और चाह कर टूट गए।

दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान उसे टूट कर चाहा और चाहा, और चाह कर टूट गए।

तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने भी कहती हैं अपनी मजबूरी का एक पैगाम तो भेज देते !

तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कने भी कहती हैं अपनी मजबूरी का एक पैगाम तो भेज देते !

कुछ इस तरह मजबूर तुम भी हो जाओंगे की हीर की मोहब्बत में रांझा था जिस तरह।

कुछ इस तरह मजबूर तुम भी हो जाओंगे की हीर की मोहब्बत में रांझा था जिस तरह।

हंसते हुए जो रोया होगा, यकीं मनो बहुत कुछ उसने खोया होगा।

हंसते हुए जो रोया होगा, यकीं मनो बहुत कुछ उसने खोया होगा।

सूरत देखूं आंखे देखूं जुल्फें देखूं क्या देखूं कैसे इन आँखों से में इक बार उसे पूरा देखु।

सूरत देखूं आंखे देखूं जुल्फें देखूं क्या देखूं कैसे इन आँखों से में इक बार उसे पूरा देखु।

हर इन्सान यहा बिकता है कितना सस्ता या कितना महंगा ये उसकी मज़बूरी तय करती है !

हर इन्सान यहा बिकता है कितना सस्ता या कितना महंगा ये उसकी मज़बूरी तय करती है !

कभी कभी न लड़के बेवफा होते हे न  लड़किया बेवफा होती हे और  रिस्ता ख़त्म हो जाता हे मगर ये सिर्फ  मजबूरियों की वजह से।

कभी कभी न लड़के बेवफा होते हे न लड़किया बेवफा होती हे और रिस्ता ख़त्म हो जाता हे मगर ये सिर्फ मजबूरियों की वजह से।

मसला ये नहीं की गम कितना है मुद्दा ये है की परवाह किसको है।

मसला ये नहीं की गम कितना है मुद्दा ये है की परवाह किसको है।

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना !

हमारी शरारत से कही रूठ न जाना हमारी मजबूरी से कही टूट न जाना तुम्हारी मोहब्बत ही हमारी जिन्दगी है इस प्यारे से रिश्ते को भूल न जाना !

थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से पता नहीं चुप रहना समझदारी हे या मजबूरी।

थक जाता हु अनकहे शब्दों के बोझ से पता नहीं चुप रहना समझदारी हे या मजबूरी।

वो मेरा बहम था की वो मेरे साथ है वो चलता तो मेरे साथ था मगर किसी और की तलाश में।

वो मेरा बहम था की वो मेरे साथ है वो चलता तो मेरे साथ था मगर किसी और की तलाश में।

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम !

नाकाम हैं असर से दुआएँ दुआ से हम मजबूर हैं कि लड़ नहीं सकते ख़ुदा से हम !

भूल जाने की तेरी मजबूरी हे तो मेरी भी आदत हे तुजे याद रखने की।

भूल जाने की तेरी मजबूरी हे तो मेरी भी आदत हे तुजे याद रखने की।

तुझे खोने के दर से तुझे पाया ही नहीं ज़िन्दगी भर तड़पते रहे और तुझे बताया भी नहीं।

तुझे खोने के दर से तुझे पाया ही नहीं ज़िन्दगी भर तड़पते रहे और तुझे बताया भी नहीं।

मै क्या किसी को रास्ता दिखाऊंगा मै तो खुद भटक रहा हूँ मंजिल की तलाश में !

मै क्या किसी को रास्ता दिखाऊंगा मै तो खुद भटक रहा हूँ मंजिल की तलाश में !

इतना भी फायदा न उठाओ  किसी की अच्छाई का  की वो बुरा बनने के लिए  मजबूर हो जाये।

इतना भी फायदा न उठाओ किसी की अच्छाई का की वो बुरा बनने के लिए मजबूर हो जाये।

तुम्हारा तो झूठ भी इतना सच्चा होता है की, हम हर बार आंख बंद करके यकीं कर लेते हैं।

तुम्हारा तो झूठ भी इतना सच्चा होता है की, हम हर बार आंख बंद करके यकीं कर लेते हैं।