Zindagi Aur Maut Shayari – जब जीना बोझ बन जाए

ज़िंदगी एक तोहफा है, लेकिन जब ये बोझ बन जाए, तो हर सांस भारी लगने लगती है।
कुछ लम्हे ऐसे होते हैं जो सिर्फ वक़्त नहीं, पूरी ज़िंदगी को तोड़ जाते हैं।
और जब इंसान खुद से भी थक जाए, तब उसकी चुप्पी, उसकी तन्हाई, उसकी पीड़ा बन जाती है — Zindagi Aur Maut Shayari,
जहाँ हर लफ़्ज़ जीने की थकावट और मरने की खामोश आरज़ू को बयान करता है।

मौत डर नहीं लगती, बल्कि कई बार सुकून जैसी लगती है —
क्योंकि जब जज़्बातों की क़द्र ना हो, जब अपने भी अजनबी बन जाएं,
तो इंसान बस जीता है, मगर ज़िंदा नहीं रहता।
इन पंक्तियों में वही तड़प छुपी होती है, जहाँ इंसान अपने दर्द को लफ़्ज़ों में बदलकर कहता है —
"अब मौत से मुलाक़ात बाकी है, क्योंकि ज़िंदगी तो कब की रूठ गई है।"

इस ब्लॉग में हम लाए हैं सबसे भावुक, गहरी और दिल को चीर देने वाली Zindagi Aur Maut Shayari in Hindi,
जो उन लोगों के लिए हैं जो कभी ना कभी खुद से थक चुके हैं, और अपने जज़्बातों को आवाज़ देना चाहते हैं।
क्योंकि हर मुस्कान के पीछे हमेशा एक कहानी होती है — और हर कहानी में कहीं न कहीं मौत की खामोश दस्तक।

कहाँ ढूंढोगे मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी उस पर जलता दिया होगा !

कहाँ ढूंढोगे मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी उस पर जलता दिया होगा !

मुझे आज भी यकीन है कि तु एक दिन लौटकर आयेगा, चाहे वो दिन मेरी मौत का ही क्यों ना हो !

मुझे आज भी यकीन है कि तु एक दिन लौटकर आयेगा, चाहे वो दिन मेरी मौत का ही क्यों ना हो !

तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं वरना मरने का इरादा तो रोज होता है !

तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं वरना मरने का इरादा तो रोज होता है !

इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख, तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना !

इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख, तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना !

हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से हमें , लेकिन उसको इंतजार है मेरी खुदकुशी का है ।

हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से हमें , लेकिन उसको इंतजार है मेरी खुदकुशी का है ।

मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया !

मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया !

मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग, तकलीफ तो साली जिन्दगी देती है!

मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग, तकलीफ तो साली जिन्दगी देती है!

चले आओ मुसाफिर आख़िरी साँसें बची हैं कुछ, तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें !

चले आओ मुसाफिर आख़िरी साँसें बची हैं कुछ, तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें !

मौत पर भी यकीन है उस पर भी एतबार है ! देखते हैं पहले कौन आता है दोनो का इंतज़ार है !

मौत पर भी यकीन है उस पर भी एतबार है ! देखते हैं पहले कौन आता है दोनो का इंतज़ार है !

अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी, वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है !

अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी, वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है !

वफा सीखनी है तो मौत से सीखो, जो एक बार अपना बना ले तो, फिर किसी का होने नहीं देती !

वफा सीखनी है तो मौत से सीखो, जो एक बार अपना बना ले तो, फिर किसी का होने नहीं देती !

वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन, फिर यूँ हुआ की मर के दिखाना पड़ा मुझे!

वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन, फिर यूँ हुआ की मर के दिखाना पड़ा मुझे!

आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न, अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है !

आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न, अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है !

एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे, सब रिश्ते इस जमीन से तोड़ जायेंगे, जितना जी चाहे सता लो मुझे, एक दिन रोते हुए सबको छोड़ जायेंगे !

एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे, सब रिश्ते इस जमीन से तोड़ जायेंगे, जितना जी चाहे सता लो मुझे, एक दिन रोते हुए सबको छोड़ जायेंगे !

मौत ने चुपके से ना जाने क्या कहा, और जिंदगी खामोश हो कर रह गयी !

मौत ने चुपके से ना जाने क्या कहा, और जिंदगी खामोश हो कर रह गयी !

छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने ये कह कर, हो जाओ जब जिन्दा तो खबर कर देना !

छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने ये कह कर, हो जाओ जब जिन्दा तो खबर कर देना !

आई होगी किसी को हिज्र में मौत मुझ को तो नींद भी नहीं आती !

आई होगी किसी को हिज्र में मौत मुझ को तो नींद भी नहीं आती !

कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगी, मैं तो नदी हूँ समुंदर में उतर जाऊँगी !

कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगी, मैं तो नदी हूँ समुंदर में उतर जाऊँगी !

चूम कर कफन में लपटे मेरे चेहरे को ! उसने तड़प के कहा ! नए कपड़े क्या पहन लिए ! तो हमें देखते भी नहीं !

चूम कर कफन में लपटे मेरे चेहरे को ! उसने तड़प के कहा ! नए कपड़े क्या पहन लिए ! तो हमें देखते भी नहीं !

अपनी मौत भी क्या मौत होगी, एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते!

अपनी मौत भी क्या मौत होगी, एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते!

लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग, ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये !

लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग, ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये !

मौत की हिम्मत कहां थी मुझसे टकराने की, कमबख्त ने मोहब्बत को मेरी सुपारी दे डाली!

मौत की हिम्मत कहां थी मुझसे टकराने की, कमबख्त ने मोहब्बत को मेरी सुपारी दे डाली!

मेरे चहरे से कफन को हटा कर ! जरा दीदार तो कर लो ! ऐ बेवफा बंद हो गई है वो आंखे ! जिन्हे तुम रुलाया करते थे !

मेरे चहरे से कफन को हटा कर ! जरा दीदार तो कर लो ! ऐ बेवफा बंद हो गई है वो आंखे ! जिन्हे तुम रुलाया करते थे !

मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले, कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों!

मिल जाएँगे कुछ हमारी भी तारीफ़ करने वाले, कोई हमारी मौत की अफवाह तो उड़ाओ यारों!

 इश्क कहता है मुझे एक बार कर के तो देख, तुझे मौत से नहीं मिलाया तो मेरा नाम बदल देना !

इश्क कहता है मुझे एक बार कर के तो देख, तुझे मौत से नहीं मिलाया तो मेरा नाम बदल देना !

साज़-ए-दिल को महकाया इश्क़ ने, मौत को ले कर जवानी आ गई !

साज़-ए-दिल को महकाया इश्क़ ने, मौत को ले कर जवानी आ गई !

पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था, मोहब्बत में तुमने, न जिंदगी अच्छी लगती हैं, ना हीं मौत आती हैं।

पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था, मोहब्बत में तुमने, न जिंदगी अच्छी लगती हैं, ना हीं मौत आती हैं।

मौत से क्या डर मिनटों का खेल है, आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती है !

मौत से क्या डर मिनटों का खेल है, आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती है !

एक तुम हो जिसे प्यार भी याद नहीं, इक में हूँ जिसे और कुछ याद नहीं, जिन्दगी मौत के दो ही तो तराने हैं, एक तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नही !

एक तुम हो जिसे प्यार भी याद नहीं, इक में हूँ जिसे और कुछ याद नहीं, जिन्दगी मौत के दो ही तो तराने हैं, एक तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नही !

करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी, जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी !

करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी, जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी !

एक मुर्दे ने क्या खूब कहा है, ये जो मेरी मौत पर रो रहे है, अभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे।

एक मुर्दे ने क्या खूब कहा है, ये जो मेरी मौत पर रो रहे है, अभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे।

सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती, मैं अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना !

सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती, मैं अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना !

जहर पिने से कब मौत आती है, मर्जी खुदा की भी चाहिए मरने के लिए !

जहर पिने से कब मौत आती है, मर्जी खुदा की भी चाहिए मरने के लिए !