Shaam Shayari, Status, and Images in Hindi

कभी कभी शाम ऐसे ढलती है जैसे घूंघट उतर रहा हो, तुम्हारे सीने से उठता धुआँ हमारे दिल से गुज़र रहा हो।

कभी कभी शाम ऐसे ढलती है जैसे घूंघट उतर रहा हो, तुम्हारे सीने से उठता धुआँ हमारे दिल से गुज़र रहा हो।

दिन गुज़र जाता है तपते हुए सूरज की तरह शाम आती है तो ढल जाने को जी चाहता है !

दिन गुज़र जाता है तपते हुए सूरज की तरह शाम आती है तो ढल जाने को जी चाहता है !

हमने एक शाम चिरागो से सज़ा रखी है, शर्त लोगो ने हवाओं से लगा रखी है.

हमने एक शाम चिरागो से सज़ा रखी है, शर्त लोगो ने हवाओं से लगा रखी है.

जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे, वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है।

जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे, वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है।

आख़िरी बार मैं कब उस से मिला याद नहीं बस यही याद है इक शाम बहुत भारी थी !

आख़िरी बार मैं कब उस से मिला याद नहीं बस यही याद है इक शाम बहुत भारी थी !

जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे, वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है.

जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे, वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है.

 बस एक शाम का हर शाम इंतिज़ार रहा, मगर वो शाम किसी शाम भी नहीं आई।

बस एक शाम का हर शाम इंतिज़ार रहा, मगर वो शाम किसी शाम भी नहीं आई।

शामें किसी को मांगती हैं आज भी फ़िराक गो ज़िंदग़ी में यूं मुझे कोई कमी नहीं !

शामें किसी को मांगती हैं आज भी फ़िराक गो ज़िंदग़ी में यूं मुझे कोई कमी नहीं !

उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद? मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है।

उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद? मैंने कहा वो शाम जो अब तक उधार है।

अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या !

अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ शाम आ गई है लौट के घर जाएँ हम तो क्या !

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में, इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में.

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में, इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में.

ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद, खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है।

ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद, खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है।

वही ख़्वाब-ख़्वाब हैं रास्ते वही इंतज़ार सी शाम है ये सफर है मेरे इश्क़ काएन दयार है न क़याम है !

वही ख़्वाब-ख़्वाब हैं रास्ते वही इंतज़ार सी शाम है ये सफर है मेरे इश्क़ काएन दयार है न क़याम है !

वो रोज़ देखता है डूबते हुए सूरज को "फ़राज़" काश मैं भी किसी शाम का मँज़र होता।

वो रोज़ देखता है डूबते हुए सूरज को "फ़राज़" काश मैं भी किसी शाम का मँज़र होता।

यूं तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया !

यूं तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया !

उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद, मैंने कहा.. वो शाम जो अब तक उधार है.

उसने पूछा कि कौनसा तोहफा है मनपसंद, मैंने कहा.. वो शाम जो अब तक उधार है.

शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते हैं, इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं।

शाम तक सुबह की नज़रों से उतर जाते हैं, इतने समझौतों पे जीते हैं कि मर जाते हैं।

जिन्दगी को खुश रहकर जिओ रोज शाम सिर्फ सूरज ही नहीं ढलता अनमोल जिन्दगी भी ढलती है!

जिन्दगी को खुश रहकर जिओ रोज शाम सिर्फ सूरज ही नहीं ढलता अनमोल जिन्दगी भी ढलती है!

रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब, आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को.

रात सारी तड़पते रहेंगे हम अब, आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को.

तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूँगा, सफ़र इस उम्र का पल में तमाम कर लूँगा।

तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूँगा, सफ़र इस उम्र का पल में तमाम कर लूँगा।

शाम से आंख में नमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है !

शाम से आंख में नमी सी है आज फिर आपकी कमी सी है !

हम दुनिया से जब तंग आया करते हैं, अपने साथ इक शाम मनाया करते हैं.

हम दुनिया से जब तंग आया करते हैं, अपने साथ इक शाम मनाया करते हैं.

उधर इस्लाम ख़तरे में,इधर है राम ख़तरे में, मगर मैं क्या करूँ,है मेरी सुब्हो-शाम ख़तरे में।

उधर इस्लाम ख़तरे में,इधर है राम ख़तरे में, मगर मैं क्या करूँ,है मेरी सुब्हो-शाम ख़तरे में।

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में !

अब उदास फिरते हो सर्दियों की शामों में इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में !

ऐ दरख़्तों, शाम ढल गई, उम्मीद छोड़ दो, अब वो परिंदा नहीं आएगा.

ऐ दरख़्तों, शाम ढल गई, उम्मीद छोड़ दो, अब वो परिंदा नहीं आएगा.

उस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता है, शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है।

उस की आँखों में उतर जाने को जी चाहता है, शाम होती है तो घर जाने को जी चाहता है।

मुद्दत से एक रात भी अपनी नहीं हुई, हर शाम कोई आया उठा ले गया मुझे।

मुद्दत से एक रात भी अपनी नहीं हुई, हर शाम कोई आया उठा ले गया मुझे।

ढलती शाम सी खूबसूरत हो तुम मगर शाम की ही तरह बहुत दूर हो तुम !

ढलती शाम सी खूबसूरत हो तुम मगर शाम की ही तरह बहुत दूर हो तुम !

हुई जो शाम तो अपना लिबास पहना कर, शफ़क़ को जैसे दम-ए-इंतिज़ार भेजा है.

हुई जो शाम तो अपना लिबास पहना कर, शफ़क़ को जैसे दम-ए-इंतिज़ार भेजा है.

गुज़र गई है मगर रोज़ याद आती है वो एक शाम जिसे भूलने की हसरत है !

गुज़र गई है मगर रोज़ याद आती है वो एक शाम जिसे भूलने की हसरत है !

यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है, आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया.

यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है, आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया.

तेरी निगाह उठे तो सुबह हो, पलके झुके तो शाम हो जाये, अगर तू मुस्कुरा भर दे तो कत्ले आम हो जाये।

तेरी निगाह उठे तो सुबह हो, पलके झुके तो शाम हो जाये, अगर तू मुस्कुरा भर दे तो कत्ले आम हो जाये।