वहाँ मोहब्बत में पनाह मिले भी तो कैसे जहाँ मोहब्बत बे पनाह हो।

वहाँ मोहब्बत में पनाह मिले भी तो कैसे जहाँ मोहब्बत बे पनाह हो।

Poetry Shayari

सुना है हमने भी, उम्मीद पे जीता है जमाना, क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।

सुना है हमने भी, उम्मीद पे जीता है जमाना, क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।

राहत बेसबब रूठ जाती है क्यूँ हर तरफ उम्मीद टूट जाती है !

राहत बेसबब रूठ जाती है क्यूँ हर तरफ उम्मीद टूट जाती है !

मिलने की उम्मीद तो नहीं है तुमसे लेकिन कैसे कह दूँ इंतजार नहीं !

मिलने की उम्मीद तो नहीं है तुमसे लेकिन कैसे कह दूँ इंतजार नहीं !

खुशनसीब हैं बिखरे हुए यह ताश के पत्ते बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है इनको!

खुशनसीब हैं बिखरे हुए यह ताश के पत्ते बिखरने के बाद उठाने वाला तो कोई है इनको!

लगते ना थे अपने हम मान लेते हैं, तुम कुछ ना कहो फिर भी हम सब कुछ जान लेते है

लगते ना थे अपने हम मान लेते हैं, तुम कुछ ना कहो फिर भी हम सब कुछ जान लेते है

किसी ने मुझसे पूछा ज़िन्दगी कैसे बर्बाद हुई मैंने ऊँगली उठायी और मोबाइल पर रख दी।

किसी ने मुझसे पूछा ज़िन्दगी कैसे बर्बाद हुई मैंने ऊँगली उठायी और मोबाइल पर रख दी।

किसी दिन आंखो से आंखो की बात होने दो किसी दिन फुरसत से मुलाकात होने दो

किसी दिन आंखो से आंखो की बात होने दो किसी दिन फुरसत से मुलाकात होने दो

मोहब्बत का ख़ुमार उतरा तो ये एहसास हुआ जिसे मन्ज़िल समझते थे वो तो बेमक़सद रास्ता निकला।

मोहब्बत का ख़ुमार उतरा तो ये एहसास हुआ जिसे मन्ज़िल समझते थे वो तो बेमक़सद रास्ता निकला।

हमे फिर खुश होने का मौका मिला है क्यों की ज़िन्दगी मै साथ तुम्हारा मिला है

हमे फिर खुश होने का मौका मिला है क्यों की ज़िन्दगी मै साथ तुम्हारा मिला है

सुन ना है सुनना है रूठना है मनाना है ज़िन्दगी का हर एक लम्हा तेरे साथ बिताना है।

सुन ना है सुनना है रूठना है मनाना है ज़िन्दगी का हर एक लम्हा तेरे साथ बिताना है।

चाँद भी झाँकता है खिड़कियों से मेरी तन्हाईयों की चर्चा अब आसमानों में है।

चाँद भी झाँकता है खिड़कियों से मेरी तन्हाईयों की चर्चा अब आसमानों में है।

लड़ो रूठो या मेरी जान ले लो, बस कभी मुझे छोड़ के जाना मत।

लड़ो रूठो या मेरी जान ले लो, बस कभी मुझे छोड़ के जाना मत।

ये बोले समय की नदी का बहाव ये बाबूल की गलियाँ ये माँझी की नाव चली हो तो गोरी सुनो भूल जाओ न फिर याद करना न फिर याद आना!

ये बोले समय की नदी का बहाव ये बाबूल की गलियाँ ये माँझी की नाव चली हो तो गोरी सुनो भूल जाओ न फिर याद करना न फिर याद आना!

नींद आती थी रात को मुझे मै फिर भी तुमसे बात करता था, कहीं तुम छोर कर मुझे चली ना जाओ इस बात से डरता था

नींद आती थी रात को मुझे मै फिर भी तुमसे बात करता था, कहीं तुम छोर कर मुझे चली ना जाओ इस बात से डरता था

तेज़-रफ़्तार हवाओं को ये एहसास कहाँ शाख़ से टूटेगा पत्ता तो किधर जाएगा।

तेज़-रफ़्तार हवाओं को ये एहसास कहाँ शाख़ से टूटेगा पत्ता तो किधर जाएगा।

उसकी एक झलक काफी है मेरा पूरा दिन बिताने के लिए हा मेरे लिए यही है मोहब्बत बाकी होगी कोई और कहानी लोगो के लिए ।

उसकी एक झलक काफी है मेरा पूरा दिन बिताने के लिए हा मेरे लिए यही है मोहब्बत बाकी होगी कोई और कहानी लोगो के लिए ।

दिन ढल गया पर रात अभी बाकी है, रुकसत क्यों होते हो दोस्त कुछ बात अभी भी बाकी है

दिन ढल गया पर रात अभी बाकी है, रुकसत क्यों होते हो दोस्त कुछ बात अभी भी बाकी है

मेरे इश्क़ के तरीके बेहद जुदा हैं औरों से मुझे तन्हा होने पर भी इश्क़ करना आता है!

मेरे इश्क़ के तरीके बेहद जुदा हैं औरों से मुझे तन्हा होने पर भी इश्क़ करना आता है!