नींद आती थी रात को मुझे मै फिर भी तुमसे बात करता था, कहीं तुम छोर कर मुझे चली ना जाओ इस बात से डरता था
 - Poetry Shayari

नींद आती थी रात को मुझे मै फिर भी तुमसे बात करता था, कहीं तुम छोर कर मुझे चली ना जाओ इस बात से डरता था

Poetry Shayari