Narazgi Shayari, Status, and Images in Hindi

Best Narazgi Shayari, Status, Messages, and Quotes With Images in Hindi.

Heart Touching Narazgi Shayari

मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हज़ारों थे।

नाराजगी अजीब होती है मोहब्बत की राहों में भी, रास्ता कोई बदलता है, मंजिल किसी और की खो जाती है।

तुम भी online मैं भी online छुप छुपकर देख रहे है नो typing नो typing !

तेरी बात को खामोशी से मान लेना, ये भी अंदाज है मेरी नाराज़गी का।

कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझसे हर सुबह उठते ही सबसे पहले तूझे जो याद करता हूँ!

अजीब शख्स है नाराज हो के हंसता है मैं चाहता हूँ खफा हो तो खफा ही लगे !

रिश्ते दूर तक चलते अगर, नाराजगी की उम्र कम हो।

नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है, गमों के तो इतने नखरे नही होते।

रूठे रिश्ते और नाराज लोग सबूत हैं इस बात के कि ज़ज्बात अब भी जुड़े रहने की ख्वाहिश रखते हैं!

ठुकरा दिया तूने अच्छा किया मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं!

नाराजगी मुझसे कुछ ऐसे भी जताती है वो, खफा जिस रोज हो जाती है काजल नहीं लगाती है वो।

मुझसे नाराज़ हो क्या जो नजरे हमसे चुराते हो वो कौनसी ऐसी बात है जो होथो मै अपनी दबाते हो !

सबको खुश रखने की कोशिश करोगे, तो खुशियाँ नाराज हो जाएँगी, दिखावे के चक्कर में जो फंसोगे, तो बस हार हीं हार पाओगे।

निकाल दिए गए कुछ दिलों से, उन्हें हमसे गीला भी नहीं, और एक हम हैं के कब से ज़हेन में नाराजगी लिए बैठे हैं।

लोग अक्सर एक ही भूल कर जाते है, नाराजगी जिससे हो उसे छोड़ जमाने को बताते है।

तु हर साँस के साथ याद आती है अब तु ही बता तेरी याद को रोक दूँ या अपनी साँस को !

तुम भी चली आया करो कभी मनाने मुझको, यूं बेफज़ूल की नाराज़गी तुमसे, मेरी भी जान लेती है।

कुछ इस तरह वो रिश्तों की नुमाइश करती है खुदको अच्छी दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करती है !

हम बेबस हैं बे-परवाह नहीं हम उदास है खफ़ा नहीं कदर करते है दोस्तो की दिल से हम जिंदगी में मजबूर तो हो सकते है लेकिन बेवफ़ा नही !

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया, तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही लेकिन रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते है !

यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं!

नाराजगी जिंदगी से हो जाये, तो भी इससे रूठा नहीं करते, छोटी सी बात पर, यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते।

इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले वो क्या करे जो तुम से खफा हो नहीं सकते!

किस बात पर खफा हो, यह जरूर बता देना, अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से, रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।

काश ये दिल बेजान होता ना किसी के आने से धडकता ना किसी के जाने पर तडपता !

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !

नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

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मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हज़ारों थे।
नाराजगी अजीब होती है मोहब्बत की राहों में भी, रास्ता कोई बदलता है, मंजिल किसी और की खो जाती है।
तुम भी online मैं भी online छुप छुपकर देख रहे है नो typing नो typing !
तेरी बात को खामोशी से मान लेना, ये भी अंदाज है मेरी नाराज़गी का।
कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझसे हर सुबह उठते ही सबसे पहले तूझे जो याद करता हूँ!
अजीब शख्स है नाराज हो के हंसता है मैं चाहता हूँ खफा हो तो खफा ही लगे !
रिश्ते दूर तक चलते अगर, नाराजगी की उम्र कम हो।
नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है, गमों के तो इतने नखरे नही होते।
रूठे रिश्ते और नाराज लोग सबूत हैं इस बात के कि ज़ज्बात अब भी जुड़े रहने की ख्वाहिश रखते हैं!
ठुकरा दिया तूने अच्छा किया मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं!
नाराजगी मुझसे कुछ ऐसे भी जताती है वो, खफा जिस रोज हो जाती है काजल नहीं लगाती है वो।
मुझसे नाराज़ हो क्या जो नजरे हमसे चुराते हो वो कौनसी ऐसी बात है जो होथो मै अपनी दबाते हो !
सबको खुश रखने की कोशिश करोगे, तो खुशियाँ नाराज हो जाएँगी, दिखावे के चक्कर में जो फंसोगे, तो बस हार हीं हार पाओगे।
निकाल दिए गए कुछ दिलों से, उन्हें हमसे गीला भी नहीं, और एक हम हैं के कब से
ज़हेन में नाराजगी लिए बैठे हैं।
लोग अक्सर एक ही भूल कर जाते है, नाराजगी जिससे हो उसे छोड़ जमाने को बताते है।
तु हर साँस के साथ याद आती है अब तु ही बता तेरी याद को रोक दूँ या अपनी साँस को !
तुम भी चली आया करो कभी मनाने मुझको, यूं बेफज़ूल की नाराज़गी तुमसे, मेरी भी जान लेती है।
कुछ इस तरह वो रिश्तों की नुमाइश करती है खुदको अच्छी दिखाने के लिए वो अक्सर मेरी बुराई करती है !
हम बेबस हैं बे-परवाह नहीं हम उदास है खफ़ा नहीं कदर करते है दोस्तो की दिल से हम जिंदगी में मजबूर तो हो सकते है लेकिन बेवफ़ा नही !
जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया, तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।
चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही लेकिन रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते है !
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं!
नाराजगी जिंदगी से हो जाये, तो भी इससे रूठा नहीं करते, छोटी सी बात पर, यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते।
इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले वो क्या करे जो तुम से खफा हो नहीं सकते!
किस बात पर खफा हो, यह जरूर बता देना, अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से, रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।
किसी को मनाने से पहले ये जान लेना कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।
काश ये दिल बेजान होता ना किसी के आने से धडकता ना किसी के जाने पर तडपता !
शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !
जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !
नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।
उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !
यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।