Nasha Shayari, Status, and Images in Hindi
Best Nasha Shayari, Status, Messages, and Quotes With Images in Hindi.
Best Nasha Shayari, Status, Messages, and Quotes With Images in Hindi.
न जख्म भरे न शराब सहारा हुई न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई !
ये तो सह लेंगे कि वादा न निभाये कोई पास होकर न हमें पास बुलाये कोई सब सहेंगे, ये सितम पर न सहा जायेगा चाँदनी रात हो और याद न आये कोई।
नशा था उनके प्यार का, जिस में हम खो गए, उन्हें भी नहीं पता चला, कि कब हम उनके हो गए!
अगर ग़म मोहब्बत पे हाबी न होता खुदा की कसम मैं शराबी न होता !!
इश्क से नशीला कोई नशा नहीं है जनाब घूँट घूँट पीते हैं और कतरा कतरा मरते हैं
कर दो तब्दील अदालतों को मैखाने में सुना है नशे में कोई झूठ नही बोलता !
बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे, शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब, तो पैग बना कर दिया करूंगा!
यह साकी ने सागर में क्या चीज दे दी, कि तौबा हुई पानी-पानी हमारी।
मिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब की कभी हम महक जाते हैं कभी हम बहक जाते हैं !
न गुल खिले हैं न उन से मिले न मय पी है. अजीब रंग में अब के बहार गुज़री है.
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी, डगमगाना भी जरूरी है संभलने के लिए।
दौलत जब मिली इंसान को नशा ग़ुरूर का छा गया हालात जब मुफलिस हुए देखिए ख़ुदा याद आ गया !
पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर ‘जलील’ बादल का रंग देख के नीयत बदल गई!
आलम से बे-ख़बर भी हूँ "आलम" में भी हूँ मैं साक़ी ने इस मक़ाम को आसाँ बना दिया
नशा छा गया है प्यार का प्यार चाहता हूँ इंतजार है तेरी तेरा भी दिल बेकरार चाहत हूँ !
पहले हमे भी मोहब्बत का_नशा था यारो, दिल जो टुटा तो नशे से ही मोहब्बत हो गई ।
तेरी यादों का नशा है मुझे चाय की तरह सुबह सबसे पहले तेरी ही याद आती हैं !
जिगर की आग बुझे जिससे जल्द वो शय ला, लगा के बर्फ़ में साक़ी, सुराही-ए-मय ला।
मुझे ऐसी #शराब बता ऐ दोस्त "नशा-ए-इश्क" उतार पाऊ मै!
नशा पिला के गिराना तो सब को आता है. मज़ा तो तब है कि गिरतों को थाम ले साक़ी!
अंदाज-ए-बयां में इनके भी ''गजब'' का नशा है तन्हाई से कभी दिल लगा के तो देखिये!
लड़खड़ाये कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया !
हाथों में पत्थर नहीं, फिर भी चोट देती है ये जुबान भी अजीब है, अच्छे-अच्छों के घर तोड़ देती है।
जाम तो उनके लिए है जिन्हें नशा नहीं होता हम तो दिनभर “तेरी यादों के नशे में यूँ ही डूबे रहते है।
अगर नशा इश्क़ का हो तो शराब का क्या काम मंजिल महबूब का घर हो दरगाह का क्या काम !
तन्हाईयों के आलम की ना बात करो जनाब; नहीं तो फिर बन उठेगा जाम और बदनाम होगी शराब।
मयखाने में आऊंगा, मगर पिऊंगा नहीं साकी ये शराब मेरा गम मिटाने की औकात नही रखती।
इश्क़ का ही तो नशा होता है वर्ना कौन कमबख्त सुनसान रास्तो पर मुस्कुराता है !
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी डगमगाना भी जरूरी है संभलने के लिए !
ला पिला शकीया पैमाने के बाद बात मतलब की कहूँ होश में आने के बाद !
नशा है इश्क़ खता है इश्क़ क्या करें यारो बड़ा दिलकश है इश्क़ !
या खुदा पीने वालों की बस्ती जुदा होती जहाँ कानून पिलाई जाती नहीं पीता तो सजा होती !