Aukat Shayari, Status, and Images in Hindi

Best Aukat Shayari, Status, Messages, and Quotes With Images in Hindi.

Heart Touching Aukat Shayari

बुरे वक्त की भी क्या बात होती है, वो भी सलाह देता है जिसकी कोई औकात नहीं होती है!

औकात तो कुत्तों की होती है, हमारी तो हैसियत है!

औकात देखकर जरूरते भी सिमट जाती है, जेब में पैसा न हो तो भूख भी मिट जाती है!

औकात की बात मत करो, जिस दिन सामना होगा उस दिन हस्ती मिटा देंगे!

वो मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बता रहे है, जिनकी औकात मेरे Attitude के बराबर भी नहीं!

शरीफ तो हम यूँही है, वर्ना ताली तो हमारी हर एक गाली पर पड़ती है !

औकात बस इतनी सी रखिये की, सामने वाला आपकी औकात दिखाने से पहले, खुद की औकात देख ले!

तमन्ना रखता हुँ आसमान छू लेने कि, लेकिन औरों को गिराने का इरादा नहीं करता!

लोग बातों ही बातों में हालात पूछ लेते हैं, कितना कमा लेते हो कहकर, औकात पूछ लेते हैं!

अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ, जिनकी हमे छूने की औकात नहीं होती!

नाम और पहचान चाहे छोटी हो पर अपने दम पर होनी चाहिए।

आज हमसे वो “पूछ” रहे है हमारी औकात, जो हमारी “रहमतों” के कर्जदार आज भी हैं!

इस क़दर आप के बदले हुए तेवर हैं कि, मैं अपनी ही चीज़ उठाते हुए डर जाता हूँ !

हम ने देखा है ज़माने का बदलना लेकिन उनके बदले हुए तेवर देखे नहीं जाते!

मालूम है “मुझे” मेरी औक़ात, हर बार क्यों “दिखाते” हो, छोड़ना है तो “छोड़” ही जाओ न, यूँ हर बार “क्यों” सताते हो!

तुझे एक नज़र देखना चाहते हैं, देखकर नज़रों में बसाना चाहते हैं!

बादशाह नहीं बाजीगर कहते है लोग हमें, क्युकी झुकना हमारे खून में नहीं !

वो मेरी न हुई तो इसमें “हैरत” की कोई बात नहीँ, क्योँकि “शेर” से दिल लगाये “बकरी” की ईतनी औकात नही!

कुछ लोग अपनी औक़ात दिखा देते हैं, गिराने की फ़िराक़ में बस इल्जाम लगा देते हैं!

एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें, जख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें!

भाव हम देते नहीं और, अकड़ हम सहते नहीं !

रात को गिदड़ कितना भी चिल्ला ले, सुबह तो शेर का ही दबदबा होता है!

औकात की क्या बात करती है पगली हम तो उनमे से है, जो शराफत भी बड़ी बदमाशी से करते हैं!

सुन छोरे तू मेरे साथ नही तो कोई बात नही हैं, मैं तेरे इश्क में रोऊ इतनी तो तेरी औकात नही हैं !

औकात नहीं हैं आँख से आँख मिलाने की, और बात करते हैं हमारा नाम मिटाने की!

कागजो पर तो अदालते चलती है हम तो रॉयल छोरे है फैसला On The Spot करते है!

कुछ के पास बहाने होते है और कुछ के पास नतीजे।

कुछ लोग इस तरह जीने का सलीका सिखाते है, औकात में रहूं इसीलिए औकात दिखाते है!

औकात की बात मत कर पगली, हम तो इंटरनेट भी मेन बेलेंस पर चलाते है !

मतकर मनमानी बर्बाद हो जाएगा हमारे Attitude में, इतना करंट है की जल के राख हो जाएगा!

नज़रों से “घमण्ड” का पर्दा भी हटाएगा, वक़्त ही तुझे तेरी औक़ात दिखाएगा!

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बुरे वक्त की भी क्या बात होती है, वो भी सलाह देता है जिसकी कोई औकात नहीं होती है!
औकात तो कुत्तों की होती है,  हमारी तो हैसियत है!
औकात देखकर जरूरते भी सिमट जाती है, जेब में पैसा न हो तो भूख भी मिट जाती है!
औकात की बात मत करो, जिस दिन सामना होगा उस दिन हस्ती मिटा देंगे!
वो मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बता रहे है, जिनकी औकात मेरे Attitude के बराबर भी नहीं!
शरीफ तो हम यूँही है, वर्ना ताली तो हमारी हर एक गाली पर पड़ती है !
औकात बस इतनी सी रखिये की, सामने वाला आपकी औकात दिखाने से पहले, खुद की औकात देख ले!
तमन्ना रखता हुँ आसमान छू लेने कि, लेकिन औरों को गिराने का इरादा नहीं करता!
 लोग बातों ही बातों में हालात पूछ लेते हैं, कितना कमा लेते हो कहकर, औकात पूछ लेते हैं!
अक्सर वही लोग उठाते हैं हम पर उँगलियाँ, जिनकी हमे छूने की औकात नहीं होती!
नाम और पहचान चाहे छोटी हो पर अपने दम पर होनी चाहिए।
आज हमसे वो “पूछ” रहे है हमारी औकात, जो हमारी “रहमतों” के कर्जदार आज भी हैं!
इस क़दर आप के बदले हुए तेवर हैं कि, मैं अपनी ही चीज़ उठाते हुए डर जाता हूँ !
हम ने देखा है ज़माने का बदलना लेकिन उनके बदले हुए तेवर देखे नहीं जाते!
मालूम है “मुझे” मेरी औक़ात, हर बार क्यों “दिखाते” हो, छोड़ना है तो “छोड़” ही जाओ न, यूँ हर बार “क्यों” सताते हो!
तुझे एक नज़र देखना चाहते हैं, देखकर नज़रों में बसाना चाहते हैं!
बादशाह नहीं बाजीगर कहते है लोग हमें, क्युकी झुकना हमारे खून में नहीं !
वो मेरी न हुई तो इसमें “हैरत” की कोई बात नहीँ, क्योँकि “शेर” से दिल लगाये “बकरी” की ईतनी औकात नही!
कुछ लोग अपनी औक़ात दिखा देते हैं, गिराने की फ़िराक़ में बस इल्जाम लगा देते हैं!
एक अलग सी पहचान बनाने  की आदत है हमें, जख्म  हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें!
भाव हम देते नहीं और, अकड़ हम सहते नहीं !
रात को  गिदड़ कितना भी चिल्ला ले, सुबह तो शेर का ही दबदबा होता है!
औकात की क्या बात करती है पगली हम तो उनमे से है, जो शराफत भी बड़ी बदमाशी से करते हैं!
सुन छोरे तू मेरे साथ नही तो कोई बात नही हैं, मैं तेरे इश्क में रोऊ इतनी तो तेरी औकात नही हैं !
औकात नहीं हैं आँख से आँख मिलाने की, और बात करते हैं हमारा नाम मिटाने की!
कागजो पर तो अदालते चलती है हम तो रॉयल छोरे है फैसला On The Spot करते है!
कुछ के पास बहाने होते है और कुछ के पास नतीजे।
कुछ लोग इस तरह जीने का सलीका सिखाते है, औकात में रहूं इसीलिए औकात दिखाते है!
औकात की बात मत कर पगली, हम तो इंटरनेट भी मेन बेलेंस पर चलाते है !
मतकर मनमानी बर्बाद हो जाएगा हमारे Attitude में, इतना करंट है की जल के राख हो जाएगा!
नज़रों से “घमण्ड” का पर्दा भी हटाएगा, वक़्त ही तुझे तेरी औक़ात  दिखाएगा!