Chand Shayari, Status, and Images in Hindi

Best Chand Shayari, Status, Messages, and Quotes With Images in Hindi.

Heart Touching Chand Shayari

वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा तो इंतज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं !

फलक पर टिका है वजूद सबका लेकिन मोहब्बत तो सिर्फ चांद से ही है।

रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद, बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद।

चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है!

चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया।

बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर।

जिसने मेरी नींद उड़ा रखी है वो बिलकुल चांद जैसा है।

नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे बदल जाये तो बदले ये ज़माना हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे!

कितना खूबसूरत चेहरा है चांद का उस पर रंग गहरा है शबाब का खुदा को यकीन ने था वफा पर इसलिए चांद पर पहरा है तारो का।

न चाहकर भी मेरे lab पर ये fariyad आ जाती है ऐ chand सामने न आ किसी की yaad आ जाती है !

चांद को देख कर आपको याद करते है तू पास नहीं इसीलिए चाँद से ही बात करते है।

दिन में चैन नहीं ना होश है रात में, खो गया है चाँद भी देखो बादल के आगोश में।

चांद की रोशनी आज फिर खिड़की से दस्तक दे रही है, लगता है फिर वो चांद को ताकते हुए हमें याद कर रहे हैं।

वैसे तो कई दोस्त है हमारे जैसे आसमान में है कई तारे पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है जिसके सामने फीके पड़ते हैं सारे सितारे!

चाँद से तुझ को जो दे निस्बत सो बे इंसाफ़ है चाँद के मुँह पर हैं छाईं तेरा मुखड़ा साफ़ है!

हर सुबह डूब जाता है ये चांद, काश कोई इसे तैरना सीखा देता।

चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका!

मिलने को उनसे बेकरार इतना थे कि सो न पाए रातभर, आंखों में ख्वाब उनके थे और नाम उनका लिखते रहे चांद पर।

एक रात हसीं ऐसी भी हो जब फूल बिछे राहों में हो, एक चाँद फलक पे निकला हो एक चाँद मेरी बाहों में हो।

ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है उसी अल्लाह ने मुझको भी मुहब्बत दी है!

डूब चुका जब नील गगन की झील में तेरा हर वादा चमक रहा था मेरे दिल में फिर भी तेरे ग़म का चाँद!

मोहब्बत भी चाँद की तरह दिखता हैं, जब पूरा होता हैं तो फिर घटने लगता हैं।

वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा, किरदार खुद उभर के कहानी में आएगा।

न चाहकर भी मेरे लब पर ये फरियाद आ जाती है ऐ चाँद सामने न आ किसी की याद आ जाती है।

बहुत रोता होगा ये चांद भी और कोसता भी होगा हमें, हमारी चंद ख्वाहिशों ने उसके सारे तारे तोड़ लिए।

काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।

कल रात इक तारा देखा टूटता हुआ बिल्कुल मेरे जैसा, चांद को जरा भी फर्क न पड़ा, क्योंकि वो भी है तेरे जैसा।

बादल चाँद को छुपा सकता है आकाश को नहीं हम सब को भुला सकते हैं आपको नहीं !

कहां से लाता है इतनी सहनशीलता ये चांद, अपने हिस्से सारे दाग रख दूसरों को रोशन किए जा रहा है।

दीदार- ए- चांद वाली रात आयी है बाजारों में रौनक और घरों में खुशियों की सौगात लायी हैं !

रोज सुबह चिढ़ाता है सूरज भी उगने पर, कहता है अब कहां है, वो चांद जिस पर बड़ा घमंड था तुम्हें।

जानता हूं बड़ा मगरूर है तू ए-चांद, क्या करूं मेरी तन्हाई का साथी भी बस तू है।

जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले वो क्या समझेगा एक सितारे की कमी को !

ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो, मैं तो रात गुजारती हुँ चाँद को देखने में।

कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है, दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है।

सुबह हुई कि छेड़ने लगता है सूरज मुझको कहता है बड़ा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो !

मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा हैं, वो तारों में तन्हा हैं और मैं हजारों में तन्हा।

मुझे तो रोक लिया उसे कैसे रोकोगी तुम वो जब चांद तुम्हें देखेगा उसे कैसे टोकोगी तुम !

खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा, निगाहे शेर पढ़ती हैं तो लब इरशाद करते है।

रात भर करता रहा तेरी तारीफ चांद से चाँद इतना जला की सुबह तक सूरज हो गया !

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वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा तो इंतज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं !
फलक पर टिका है वजूद सबका लेकिन मोहब्बत तो सिर्फ चांद से ही है।
 रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद, बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद।
चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है!
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया।
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर।
जिसने मेरी नींद उड़ा रखी है वो बिलकुल चांद जैसा है।
नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे बदल जाये तो बदले ये ज़माना हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे!
कितना खूबसूरत चेहरा है चांद का उस पर रंग गहरा है शबाब का खुदा को यकीन ने था वफा पर इसलिए चांद पर पहरा है तारो का।
न चाहकर भी मेरे lab पर ये fariyad आ जाती है ऐ chand सामने न आ किसी की yaad आ जाती है !
चांद को देख कर आपको याद करते है तू पास नहीं इसीलिए चाँद से ही बात करते है।
 दिन में चैन नहीं ना होश है रात में, खो गया है चाँद भी देखो बादल के आगोश में।
चांद की रोशनी आज फिर खिड़की से दस्तक दे रही है, लगता है फिर वो चांद को ताकते हुए हमें याद कर रहे हैं।
वैसे तो कई दोस्त है हमारे जैसे आसमान में है कई तारे पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है जिसके सामने फीके पड़ते हैं सारे सितारे!
चाँद से तुझ को जो दे निस्बत सो बे इंसाफ़ है चाँद के मुँह पर हैं छाईं तेरा मुखड़ा साफ़ है!
 हर सुबह डूब जाता है ये चांद, काश कोई इसे तैरना सीखा देता।
चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका!
मिलने को उनसे बेकरार इतना थे कि सो न पाए रातभर, आंखों में ख्वाब उनके थे और नाम उनका लिखते रहे चांद पर।
एक रात हसीं ऐसी भी हो जब फूल बिछे राहों में हो, एक चाँद फलक पे निकला हो एक चाँद मेरी बाहों में हो।
ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है उसी अल्लाह ने मुझको भी मुहब्बत दी है!
डूब चुका जब नील गगन की झील में तेरा हर वादा चमक रहा था मेरे दिल में फिर भी तेरे ग़म का चाँद!
 मोहब्बत भी चाँद की तरह दिखता हैं, जब पूरा होता हैं तो फिर घटने लगता हैं।
वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा, किरदार खुद उभर के कहानी में आएगा।
न चाहकर भी मेरे लब पर ये फरियाद आ जाती है ऐ चाँद सामने न आ किसी की याद आ जाती है।
बहुत रोता होगा ये चांद भी और कोसता भी होगा हमें, हमारी चंद ख्वाहिशों ने उसके सारे तारे तोड़ लिए।
काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।
कल रात इक तारा देखा टूटता हुआ बिल्कुल मेरे जैसा, चांद को जरा भी फर्क न पड़ा, क्योंकि वो भी है तेरे जैसा।
बादल चाँद को छुपा सकता है आकाश को नहीं हम सब को भुला सकते हैं आपको नहीं !
कहां से लाता है इतनी सहनशीलता ये चांद, अपने हिस्से सारे दाग रख दूसरों को रोशन किए जा रहा है।
दीदार- ए- चांद वाली रात आयी है बाजारों में रौनक और घरों में खुशियों की सौगात लायी हैं !
रोज सुबह चिढ़ाता है सूरज भी उगने पर, कहता है अब कहां है, वो चांद जिस पर बड़ा घमंड था तुम्हें।
जानता हूं बड़ा मगरूर है तू ए-चांद, क्या करूं मेरी तन्हाई का साथी भी बस तू है।
जिस चाँद के हजारों हो चाहने वाले वो क्या समझेगा एक सितारे की कमी को !
ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो, मैं तो रात गुजारती हुँ चाँद को देखने में।
कौन कहता है क़ि चाँद तारे तोड़ लाना ज़रूरी है, दिल को छू जाए प्यार से दो लफ्ज़, वही काफ़ी है।
सुबह हुई कि छेड़ने लगता है सूरज मुझको कहता है बड़ा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो !
 मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा हैं, वो तारों में तन्हा हैं और मैं हजारों में तन्हा।
मुझे तो रोक लिया उसे कैसे रोकोगी तुम वो जब चांद तुम्हें देखेगा उसे कैसे टोकोगी तुम !
खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा, निगाहे शेर पढ़ती हैं तो लब इरशाद करते है।
रात भर करता रहा तेरी तारीफ चांद से चाँद इतना जला की सुबह तक सूरज हो गया !