Waqt Par Kahi Gayi Shayari – गहराई से भरे अल्फ़ाज़

वक़्त… ना किसी के लिए रुकता है, ना किसी के कहने से बदलता है — मगर हर किसी को बदल देता है।
कुछ बातें होती हैं जो वक़्त पर ही सही लगती हैं, और कुछ शायरी ऐसी होती है जो सिर्फ उसी पल में दिल को छू जाती है।
Waqt Par Kahi Gayi Shayari वो लफ़्ज़ हैं जो नसीहत भी बन जाते हैं, और तसल्ली भी।
कभी ये टूटे दिल को थामते हैं, कभी किसी को आगे बढ़ने की हिम्मत देते हैं।

वक़्त हर ज़ख्म भर देता है, लेकिन कुछ अल्फ़ाज़ ऐसे होते हैं जो उस वक़्त को जीने में साथ देते हैं।
जब हालात कड़े होते हैं, जब रास्ते धुंधले होते हैं — तब कोई एक शेर, कोई एक पंक्ति हमें भीतर से संभाल सकती है।
गहरी शायरी, जो वक़्त की मार को समझती है और दिल को थोड़ा सा सुकून देती है।

इस ब्लॉग में हम लाए हैं Waqt Par Kahi Gayi Shayari का एक ऐसा ख़ास कलेक्शन,
जिसमें हर लाइन एक अनुभव है, और हर शब्द वक़्त से सीखी गई सच्चाई।
क्योंकि कुछ बातें बस वक़्त कहता है — और कुछ बातें, हम शायरी के ज़रिए कहते हैं।

वक्त जब भी शिकार करता है, हर दिशा से वार करता है।

वक्त जब भी शिकार करता है, हर दिशा से वार करता है।

इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है, और वक़्त की तो फ़ितरत ही बदल जाना है।

इश्क़ का लम्हा महज़ एक वक़्त का फ़साना है, और वक़्त की तो फ़ितरत ही बदल जाना है।

उसकी कदर करने में जरा भी देर मत करना, जो इस दौर में भी आपको वक्त देता हो।

उसकी कदर करने में जरा भी देर मत करना, जो इस दौर में भी आपको वक्त देता हो।

वो वक्त सी थी जो गुजर गई, और मैं यादों सा था जो ठहर गया।

वो वक्त सी थी जो गुजर गई, और मैं यादों सा था जो ठहर गया।

अभी तो थोडा वक्त हैं, उनको आजमाने दो, रो-रोकर पुकारेंगे हमें, हमारा वक्त तो आने दो।

अभी तो थोडा वक्त हैं, उनको आजमाने दो, रो-रोकर पुकारेंगे हमें, हमारा वक्त तो आने दो।

हर बार वक्त को दोष देना ठीक नहीं हैं, कभी कभी ये लोग ही बुरे होते हैं।

हर बार वक्त को दोष देना ठीक नहीं हैं, कभी कभी ये लोग ही बुरे होते हैं।

कुछ पल का बुरा समय जिंदगी भर याद रह जाता हैं चाहे कितनी भी खुशिया आ जाये बुरा पल हमेशा याद रहता हैं।

कुछ पल का बुरा समय जिंदगी भर याद रह जाता हैं चाहे कितनी भी खुशिया आ जाये बुरा पल हमेशा याद रहता हैं।

वक़्त तो वार करता है, अपने भी वार करते हैं, पर दर्द तब ज्यादा होता है, जब दोनों इकट्ठे वार करते हैं।

वक़्त तो वार करता है, अपने भी वार करते हैं, पर दर्द तब ज्यादा होता है, जब दोनों इकट्ठे वार करते हैं।

 समय सब के पास हैं लेकिन हमेशा के लिए नहीं जो चाहे कर लो आज में ही कल का भरोसा नहीं।

समय सब के पास हैं लेकिन हमेशा के लिए नहीं जो चाहे कर लो आज में ही कल का भरोसा नहीं।

रात तो वक्त की पाबंद है, ढल जायेगी, देखना तो ये है दीयों का सफर कितना होगा।।

रात तो वक्त की पाबंद है, ढल जायेगी, देखना तो ये है दीयों का सफर कितना होगा।।

समय बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है।

समय बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है।

जब हम रिश्तों के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते, तब वक़्त हमारे बीच से रिश्ते को निकाल देता है।

जब हम रिश्तों के लिए वक़्त नहीं निकाल पाते, तब वक़्त हमारे बीच से रिश्ते को निकाल देता है।

हमारे ख़ातिर ज़रा कुछ पल उधार लेके आओ, वक्त मिले तो हमारे लिए भी कुछ वक्त ले आओ।

हमारे ख़ातिर ज़रा कुछ पल उधार लेके आओ, वक्त मिले तो हमारे लिए भी कुछ वक्त ले आओ।

जब आप का नाम जुबान पर आता हैं, पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं, तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना जो हँसते हुए हर समय याद आता हैं ।

जब आप का नाम जुबान पर आता हैं, पता नहीं दिल क्यों मुस्कुराता हैं, तसल्ली होती है मन को कोई तो है अपना जो हँसते हुए हर समय याद आता हैं ।

वक़्त से पहले हादसों से लड़ा हूँ, मैं अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ।

वक़्त से पहले हादसों से लड़ा हूँ, मैं अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूँ।

जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो है एक दिन मौत से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो।।

जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो है एक दिन मौत से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो।।

जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी, ज़िन्दगी बस नाम की जिन्दगी रह जायेगी, ये नहीं कि तुम बिन जी न पाउँगा, हाँ मगर जिन्दगी में हर समय एक तेरी कमी रह जायेगी।

जो रोऊंगा तो पलकों पे नमी रह जायेगी, ज़िन्दगी बस नाम की जिन्दगी रह जायेगी, ये नहीं कि तुम बिन जी न पाउँगा, हाँ मगर जिन्दगी में हर समय एक तेरी कमी रह जायेगी।

ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है।

ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है।

एहसान तुम्हारे एकमुश्त, किश्तों में चुकाए हैं हमनें, कुछ वक्त लगा पर अश्कों के, कुछ सूद चुकाए हैं हमनें।

एहसान तुम्हारे एकमुश्त, किश्तों में चुकाए हैं हमनें, कुछ वक्त लगा पर अश्कों के, कुछ सूद चुकाए हैं हमनें।

हार जाते हैं वो जो समय के आगे घुटने टेक दिया करते हैं, जीत उन्हीं की होती है जो बहानों के लिबासों को उतार फेंक दिया करते हैं।

हार जाते हैं वो जो समय के आगे घुटने टेक दिया करते हैं, जीत उन्हीं की होती है जो बहानों के लिबासों को उतार फेंक दिया करते हैं।

दिल को उदास करने जब तन्हाई आती है, समय गुजर जाता है बस यादें साथ निभाती हैं।

दिल को उदास करने जब तन्हाई आती है, समय गुजर जाता है बस यादें साथ निभाती हैं।

कुछ वक़्त ख़ामोश होकर देखा, लोग सच में भूल जाते हैं।

कुछ वक़्त ख़ामोश होकर देखा, लोग सच में भूल जाते हैं।

वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है, कब, कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते।

वक्त, मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है, कब, कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते।

आगे वही बढ़ पायेगा, जो जिंदगी को अपने हिसाब से चलाएगा, कौन रहेगा मैदान में कौन बाजी हारेगा, किस्मे है कितना दम अब ये समय बताएगा।

आगे वही बढ़ पायेगा, जो जिंदगी को अपने हिसाब से चलाएगा, कौन रहेगा मैदान में कौन बाजी हारेगा, किस्मे है कितना दम अब ये समय बताएगा।

वक़्त नूर को बे -नूर कर देता है, से जख़्म को नासूर कर देता है, कौन चाहता है अपने से दूर होना, लेकिन वक़्त सबको मज़बूर कर देता है।

वक़्त नूर को बे -नूर कर देता है, से जख़्म को नासूर कर देता है, कौन चाहता है अपने से दूर होना, लेकिन वक़्त सबको मज़बूर कर देता है।

नये-नये रिश्तों में नई-नई सी महक साथ हैं, अब कौन कितनी देर महकेगा, ये वक्त की बात है।

नये-नये रिश्तों में नई-नई सी महक साथ हैं, अब कौन कितनी देर महकेगा, ये वक्त की बात है।

सो रही है दुनिया, बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है, दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं, समय जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है।

सो रही है दुनिया, बस एक सपनों का तलबगार जाग रहा है, दिन भी छोटे और रातें भी छोटी लगती हैं, समय जैसे जिंदगी से भी तेज भाग रहा है।

वक़्त आने पर जवाब देंगे सबको लहज़े सबके  याद हैं हमे।

वक़्त आने पर जवाब देंगे सबको लहज़े सबके याद हैं हमे।

राब्ता लाख सही क़ाफ़िला-सालार के साथ, हम को चलना है मगर वक़्त की रफ़्तार के साथ।

राब्ता लाख सही क़ाफ़िला-सालार के साथ, हम को चलना है मगर वक़्त की रफ़्तार के साथ।

ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी, वक्त तकदीर से मिला और मुझे सजा-ए-मोहब्बत दी।

ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी, वक्त तकदीर से मिला और मुझे सजा-ए-मोहब्बत दी।

अजनबी शहर में एक दोस्त मिला, वक्त नाम था, पर जब भी मिला मजबूर मिला।

अजनबी शहर में एक दोस्त मिला, वक्त नाम था, पर जब भी मिला मजबूर मिला।

तुझे चाहने वाले कम ना होंगे, समय के साथ शायद हम ना होंगे, चाहे किसी को कितना भी प्यार देना, लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे।

तुझे चाहने वाले कम ना होंगे, समय के साथ शायद हम ना होंगे, चाहे किसी को कितना भी प्यार देना, लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे।

वक़्त का ख़ास होना ज़रूरी नहीं, खास लोगो के लिए वक़्त होना ज़रूरी है।

वक़्त का ख़ास होना ज़रूरी नहीं, खास लोगो के लिए वक़्त होना ज़रूरी है।

तू मुझे बनते बिगड़ते हुए अब ग़ौर से देख, वक़्त कल चाक पे रहने दे न रहने दे मुझे।

तू मुझे बनते बिगड़ते हुए अब ग़ौर से देख, वक़्त कल चाक पे रहने दे न रहने दे मुझे।

समय की रफ़्तार रुक गयी होती, शरम से आँखें झुक गयी होती, अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का, तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती।

समय की रफ़्तार रुक गयी होती, शरम से आँखें झुक गयी होती, अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का, तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती।

जाते वक़्त उसने मुझसे अजीब सी बात कही, तुम मेरी ज़िन्दगी हो, और मुझे मेरी ज़िन्दगी से नफरत है।

जाते वक़्त उसने मुझसे अजीब सी बात कही, तुम मेरी ज़िन्दगी हो, और मुझे मेरी ज़िन्दगी से नफरत है।

मेरे साथ बैठकर वक्त भी रोया एक दिन, बोला बन्दा तु ठिक है, मै ही खराब चल रहा हूँ।

मेरे साथ बैठकर वक्त भी रोया एक दिन, बोला बन्दा तु ठिक है, मै ही खराब चल रहा हूँ।

बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे, समय जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।

बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे, समय जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।

वक़्त के भी अजीब क़िस्से हैं, किसी का काटता नहीं और किसी के पास होता नहीं।

वक़्त के भी अजीब क़िस्से हैं, किसी का काटता नहीं और किसी के पास होता नहीं।

अभी साथ था अब खिलाफ है, वक्त का भी आदमी जैसा हाल है।

अभी साथ था अब खिलाफ है, वक्त का भी आदमी जैसा हाल है।

कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा, आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में...

कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा, आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में...

कुछ इस तरह से सौदा किया मुझसे मेरे वक़्त ने तजुर्बे दे कर वो मुझसे मेरी मासूमियत ले गया।

कुछ इस तरह से सौदा किया मुझसे मेरे वक़्त ने तजुर्बे दे कर वो मुझसे मेरी मासूमियत ले गया।

वो जो कपडे बदलने का शौक रखते थे, आखिरी वक्त न कह पाये कफ़न ठीक नही।

वो जो कपडे बदलने का शौक रखते थे, आखिरी वक्त न कह पाये कफ़न ठीक नही।

रात नहीं ख्वाब बदलता है... मंज़िल नहीं करवा बदलता  है.. जज़्बा रखो हर दम जीतने का .. क्यूंकि किस्मत चाहे  बदले न बदले “समय” जरूर  बदलता  है !

रात नहीं ख्वाब बदलता है... मंज़िल नहीं करवा बदलता है.. जज़्बा रखो हर दम जीतने का .. क्यूंकि किस्मत चाहे बदले न बदले “समय” जरूर बदलता है !

पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्च ना करो की, पैसा खर्च करने के लिए ज़िन्दगी मे वक़्त ही ना मिले।

पैसा कमाने के लिए इतना वक़्त खर्च ना करो की, पैसा खर्च करने के लिए ज़िन्दगी मे वक़्त ही ना मिले।

 तुझसे मिल कर हमे रोना था बहुत रोना था, तंगी -ऐ-वक़्त -ऐ -मुलाक़ात ने रोने ना दिया।

तुझसे मिल कर हमे रोना था बहुत रोना था, तंगी -ऐ-वक़्त -ऐ -मुलाक़ात ने रोने ना दिया।

दर्द बयां करना है तो शायरी से कीजिए जनाब, लोगों के पास वक्त कहां, एहसासों को सुनने का।

दर्द बयां करना है तो शायरी से कीजिए जनाब, लोगों के पास वक्त कहां, एहसासों को सुनने का।

समय की आंच में पत्थर भी पिघल जाते है, ख़ुशी के लम्हे गम में बदल जाते है, कौन करता है याद किसी को यारा, समय के साथ खयालात भी बदल जाते है।

समय की आंच में पत्थर भी पिघल जाते है, ख़ुशी के लम्हे गम में बदल जाते है, कौन करता है याद किसी को यारा, समय के साथ खयालात भी बदल जाते है।

वक़्त तो होता है बदलने के लिए ठहरते तो बस लम्हे हैं ।

वक़्त तो होता है बदलने के लिए ठहरते तो बस लम्हे हैं ।

रोना तो खूब चाहता था, पर ज़िम्मेदारीयों ने इतना वक्त भी ना दिया मुझे।

रोना तो खूब चाहता था, पर ज़िम्मेदारीयों ने इतना वक्त भी ना दिया मुझे।

समय बदला और बदली कहानी हैं, संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं, न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम, मेरे पास उनकी बस यही निशानी हैं।

समय बदला और बदली कहानी हैं, संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं, न लगाओ मेरे ज़ख्मो पे मरहम, मेरे पास उनकी बस यही निशानी हैं।

वक़्त कहता है फिर ना आऊंगा  तेरी आँखों को अब ना रुलंगा अगर जीना है तो इस पल को जी ले शायद मैं कल तक ना रुक पाउँगा ।

वक़्त कहता है फिर ना आऊंगा तेरी आँखों को अब ना रुलंगा अगर जीना है तो इस पल को जी ले शायद मैं कल तक ना रुक पाउँगा ।

वक्त ने बदल दी, तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा, पहले दोस्ती, फिर अपनापन और अब अजनबी सा अहसास।

वक्त ने बदल दी, तेरे मेरे रिश्ते की परिभाषा, पहले दोस्ती, फिर अपनापन और अब अजनबी सा अहसास।