Gulzar Status for WhatsApp – Gulzar Shayari in Hindi


कुछ अल्फ़ाज़ हवा की तरह होते हैं — नज़र नहीं आते, पर छू जाते हैं, और दिल में हमेशा के लिए बस जाते हैं।
गुलज़ार साहब की शायरी भी वैसी ही है — सादा, मगर असरदार।
हर लाइन में एक कहानी छुपी होती है, हर जुमले में एक जज़्बात, और हर ख़ामोशी में एक पूरी मोहब्बत।
"Gulzar Shayari" सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं होती, उसे महसूस किया जाता है — जैसे कोई पुरानी याद चुपके से लौट आए।

उनकी लिखी बातें मोहब्बत से लेकर तन्हाई तक, रिश्तों से लेकर जुदाई तक —
हर एहसास को ऐसे छू जाती हैं जैसे बारिश की पहली बूंद सूखी मिट्टी को।
गुलज़ार साहब के अल्फ़ाज़ सिर्फ शब्द नहीं होते,
वो उन भावनाओं का नाम होते हैं जिन्हें हम खुद से भी नहीं कह पाते।

इस ब्लॉग में हम लाए हैं Gulzar Status for WhatsApp,
जहाँ उनकी सबसे हसीन, सबसे दिल को छू लेने वाली शायरी आपके स्टेटस को बना देगी एक जज़्बात की ज़ुबान।
क्योंकि गुलज़ार की शायरी पढ़ना मतलब है — कुछ पल के लिए ज़िंदगी को रुककर महसूस करना।

दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए, फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए।

दिल तो रोज कहता है मुझे कोई सहारा चाहिए, फिर दिमाग कहता है क्या धोखा दोबारा चाहिए।

थोड़ा सा रफू कर के देखिए ना फिर से नई सी लगेगी, जिंदगी ही तो है..

थोड़ा सा रफू कर के देखिए ना फिर से नई सी लगेगी, जिंदगी ही तो है..

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए..

कौन कहता है कि हम झूठ नही बोलते, एक बार खैरियत तो पूछ के देखिए..

जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है।

जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है, कोई वादा नहीं किया लेकिन क्यूँ तेरा इंतज़ार रहता है।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

लगता है जिंदगी आज खफा है, चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !

लगता है जिंदगी आज खफा है, चलिए छोड़िए कौनसी पहली दफा है !

पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है।

पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है, भूल जात है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है।

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है, तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है।

मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है और शौर भी है, तूने देखा ही नहीं, आँखों में कुछ और भी है।

दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा।

दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्त्थर तो नहीं बना पर अब मोम भी नही रहा।

ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”, बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी।

ना राज़ है “ज़िन्दगी”, ना नाराज़ है “ज़िन्दगी”, बस जो है, वो आज है ज़िन्दगी।

नहीं बदल सकते हैं हम, खुद को औरो के हिसाब से, एक लिबास हमें भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब।

नहीं बदल सकते हैं हम, खुद को औरो के हिसाब से, एक लिबास हमें भी दिया है, खुदा ने अपने हिसाब।

समेट लो इन नाजुक पलो को ना जाने ये लम्हे हो ना हो, हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल उन पलो में हम हो ना हो।

समेट लो इन नाजुक पलो को ना जाने ये लम्हे हो ना हो, हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल उन पलो में हम हो ना हो।

बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे जब हमने भी कर ली तो उनका शौक बदल गया !

बड़े बेताब थे वो मोहब्बत करने को हमसे जब हमने भी कर ली तो उनका शौक बदल गया !

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी, जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।

दर्द की भी अपनी एक अदा है, वो भी सहने वालों पर फ़िदा है।

दर्द की भी अपनी एक अदा है, वो भी सहने वालों पर फ़िदा है।

सफर छोटा ही सही पर यादगार होना चाहिए, रंग सांवला ही सही पर वफादार होना चाहिए..

सफर छोटा ही सही पर यादगार होना चाहिए, रंग सांवला ही सही पर वफादार होना चाहिए..

तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम, माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी तुझे ही जी नहीं पा रहे हम।

तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम, माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी तुझे ही जी नहीं पा रहे हम।

बस इतना सा असर होगा हमारी यादों का, की कभी कभी तुम बिना बात के मुस्कुराओगे..

बस इतना सा असर होगा हमारी यादों का, की कभी कभी तुम बिना बात के मुस्कुराओगे..

जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं, अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं।

जब मिला शिकवा अपनों से तो ख़ामोशी ही भलीं, अब हर बात पर जंग हो यह जरुरी तो नहीं।

हँसना हँसाना आता हैं मुझे, मुझसे गम की बात नहीं होती, मेरी बातो में मज़ाक होता हैं , मेरी हर बात मज़ाक नहीं होती।

हँसना हँसाना आता हैं मुझे, मुझसे गम की बात नहीं होती, मेरी बातो में मज़ाक होता हैं , मेरी हर बात मज़ाक नहीं होती।

मुझे मालूम था कि वो मेरा हो नही सकता, मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे..

मुझे मालूम था कि वो मेरा हो नही सकता, मगर देखो मुझे फिर भी मोहब्बत हो गई उससे..

तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।

तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

जो हैरान हैं मेरे सब्र पर उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं..

जो हैरान हैं मेरे सब्र पर उनसे कह दो जो आंसू जमीन पर नहीं गिरते वो दिल चीर देते हैं..

थोडा है थोड़े की ज़रूरत है, ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है।

थोडा है थोड़े की ज़रूरत है, ज़िन्दगी फिर भी यहाँ की खुबसूरत है।

मेरी आंखों ने पकड़ा है उन्हें कई बार रंगे हाथ वो इश्क करना तो चाहते हैं मगर घबराते बहुत हैं !

मेरी आंखों ने पकड़ा है उन्हें कई बार रंगे हाथ वो इश्क करना तो चाहते हैं मगर घबराते बहुत हैं !

लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की, हमारी भी तमन्ना है. मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की।

लगे न नज़र इस रिश्ते को जमाने की, हमारी भी तमन्ना है. मरते दम तक आपसे दोस्ती निभाने की।

अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था !

अपनी पीठ से निकले खंजरों को जब गिना मैंने ठीक उतने ही निकले जितनो को गले लगाया था !

जो जाहिर करना पड़े, वो दर्द कैसा, और जो दर्द न समझ सके, वो हमदर्द कैसा।

जो जाहिर करना पड़े, वो दर्द कैसा, और जो दर्द न समझ सके, वो हमदर्द कैसा।

जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा, इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा, घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है, जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है।

जो बीत गया है वो अब दौर न आएगा, इस दिल में सिवा तेरे कोई और न आएगा, घर फूंक दिया हमने, अब राख उठानी है, जिंदगी और कुछ नही, तेरी मेरी कहानी है।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है, दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है, दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।

दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है, वरना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं।

दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है, वरना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं।

मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है, चार घर की दुरी है और बिच में सारा जमाना है।

मोहल्ले की मोहब्बत का भी अजीब फसाना है, चार घर की दुरी है और बिच में सारा जमाना है।

ठुकराया हमने भी है बहुतों को तेरे खातिर तुझसे फासला भी शायद उनकी बद्दुआओं का असर है।

ठुकराया हमने भी है बहुतों को तेरे खातिर तुझसे फासला भी शायद उनकी बद्दुआओं का असर है।