महात्मा गांधी की जीवनी - Mahatma Gandhi ki Jivani
महात्मा गांधी की जीवनी ( Mahatma Gandhi Biography (Jivani) In Hindi) : दुनिया को सत्य, शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता मोहनदास करमचन्द गांधी(महात्मा गांधी) (Mohandas Karamchand Gandhi – Mahatma Gandhi ) का जन्म 2 अक्तूबर 1869 में पोरबन्दर में हुआ था। हिंदू-मुस्लिम एकता और देश की आजादी को लेकर महात्मा गांधी जी ने कई आंदोलन कर पूरी दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया है। वही इस लेख में हम आपको महात्मा गांधी की जीवनी( Mahatma Gandhi Life Story) बताने जा रहे है।
Mahatma Gandhi Biography (Jivani) In Hindi :
महात्मा गांधी का प्रारम्भिक जीवन (Early Life of Mahatma Gandhi):
महात्मा गांधी का जन्म करमचंद गांधी के घर पर हुआ था। उनके पिता श्री करमचंद गांधी पोरबंदर के ‘दीवान’ थे। महात्मा गांधी बचपन में बहुत ही चंचल स्वभाव के थे। लेकिन सत्य के प्रति लगाव ने महात्मा गांधी जो चंचल स्वभाव के साधारण लड़के से महात्मा गांधी बना दिया।
गांधी जी के बचपन का एक किस्सा है। जिसका उल्लेख खुद गांधी जी ने अपनी लिखी हुई किताब ‘सत्य के प्रयोग’ में किया है। उन्होंने किताब में लिखा है, कि बचपन में उन्हें अपने एक रिश्तेदार की वजह से बीड़ी पीने का शौक लग गया था। और उस समय गांधी जी के पास बीड़ी पीने के लिए पैसे भी नहीं होते थे।
जिसकी वजह से गांधी जी अपने काकाजी की पी हुई बीड़ी का ठूठ उठाकर अपने रिश्तेदार के साथ पिया करते थे। वही इसके बाद गांधी जी ने आगे लिखा है, कि उन्होंने बीड़ी पीने के लिए घर के नौकर की जेब से पैसे तक चुराने शुरू कर दिये थे।
धीरे-धीरे गांधी जी को अपनी इस गलत हरकत का दुख होने लगा। क्योकि एक समय वो बड़ों की आज्ञा के बिना कुछ काम नहीं करते थे, लेकिन आज वो बीड़ी पीने के साथ नौकर की जेब से पैसे चुराने तक जैसे गतल काम चुके थे।
जिसके बाद गांधी जी ने आत्महत्या करने का फैसला किया। लेकिन आत्महत्या का विचार करना सरल है। आत्महत्या करना सरल नहीं। ये गांधी जी को समझ में आ गया था। फिर उन्होंने फैसला किया में अब कभी भी चोरी नहीं करूंगा।
इस घटना बाद गांधी जी ने अपने पिताजी को एक चिट्ठी लिखकर अपने कांपते हाथों से चिट्ठी अपने पिताजी के हाथ में रख दी। उन दिनों करमचंद गांधी किसी बीमारी से पीड़ित थे ।
लेकिन जैसे ही करमचंद गांधी ने चिट्ठी पढ़ी उनकी आंखों से मोती की बूंदों के समान आंसू टपकने लगे और चिट्ठी पूरी तरह से भीग गई। चिट्ठी पढ़ने के बाद उनके पिताजी बिना बात किये ही सो गए।
गांधी जी को अपने पिता का दुख समझ में आ गया था। जिसके बाद गांधी जी भी खूब रोये थे। इस घटना ने चंचल स्वभाव के गाँधी जी के पूरे जीवन को बदलकर रख दिया।
कम आयु में विवाह (Marriage of Mahatma Gandhi at an Early Age)
साढे 13 साल की उम्र में ही महात्मा गांधी का विवाह 14 साल की कस्तूरबा माखनजी से कर दिया गया था। ये बाल विवाह उनके माता पिता द्वारा तय किया गया था, जो उस समय भारत में उस क्षेत्र में प्रचलित था।
ये भी पढ़े : संदीप माहेश्वरी की सक्सेस स्टोरी.
शिक्षा (Mahatma Gandhi Education) :
महात्मा गाँधी ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन से कानून की पढाई और बैरिस्टर की पढ़ाई की थी।
कार्य/उपलब्धियां :
सन 1916 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका से बैरिस्टर बन कर भारत वापस लौटे और भारत की आज़ादी के लिए अपने कदम उठाना शुरू कर दिये। गांधीजी ने देश को आज़ादी दिलाने के लिए बहुत से आंदोलन चलाये. जिनमे से कुछ प्रमुख आंदोलन निम्नानुसार हैं –
गाँधी जी से जुड़े प्रमुख आंदोलन
- चंपारण आंदोलन
- नमक सत्याग्रह व दांडी मार्च
- भारत छोड़ो आंदोलन
चंपारण आंदोलन
चंपारण में अंग्रेज बागान मालिकों ने किसानों के अंतर्गत कृषिजन्य क्षेत्र के 3/20 वें भाग पर नील की खेती करनी होती थी। लेकिन 19वीं सदी के अंतिम दिनों में नील के बाजार में गिरावट आने लगी।
जिसकी वजह से नील बागान मालिक चंपारन से कारखानों को बंद करने लगे। जिसके बाद बागान मालिक किसानों से भारी लगान की मांग करने लगे। लगान से परेशान होकर किसान विद्रोह पर उतर आए।
जिसके बाद 1916 में राजकुमार शुक्ल ने महात्मा गांधी से मुलाकात की और चंपारन के किसानों के बारे में बताया। और आंदोलन का नेतृत्व करने का अनुरोध किया।
गांधी जी अनुरोध स्वीकार किया और शुक्ल के साथ चंपारन पहुंच गए। जिसके बाद अंग्रेज प्रशासन ने गांधी जी को जिला छोडऩे का आदेश जारी कर दिया। लेकिन गांधी जी ने अंग्रेज प्रशासन के खिलाफ सत्याग्रह करने की धमकी दे दी।
जिसके बाद अंग्रेज प्रशासन ने घबराकर जारी किये सभी आदेश वापस ले लिया। गांधी जी के चंपारन आंदोलन के कुशल नेतृत्व से प्रभावित होकर रवीन्द्रनाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा के नाम से संबोधित किया। जिसके बाद गांधी जी को महात्मा गांधी कहने लगे। वही गांधीजी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था।
नमक सत्याग्रह व दांडी मार्च
12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार के द्वारा नमक बनाने पर लगाए प्रतिबंध कानून को तोड़ने के लिए नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी।
महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से अपने 72 अनुयायियों के साथ पैदल चलकर 24 दिनों में 240 किलोमीटर की यात्राकर समुन्दर तट पर पहुंचे और नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के नमक कानून को तोड़ा था।
इसके बाद पुरे देश में तेजी से नमक कानून को तोड़ा गया। तो वही महात्मा गांधी की इस यात्रा को अमेरिकी और यूरोप प्रेस ने व्यापक कवरेज दी थी।
सत्याग्रह आंदोलन के बाद अंग्रेज़ों को यह अहसास हो गया था, कि अब उनका राज बहुत दिन तक नहीं टिक पायेगा। सत्याग्रह आंदोलन को दांडी मार्च के नाम से भी जाना जाता है।
भारत छोड़ो आंदोलन
अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी, ये आंदोलन महात्मा गांधी का तीसरा और देश का सबसे बड़ा आंदोलन था। तो वही इस आंदोलन को अंग्रेजी सरकार किसी भी हालत में रोकना चाहती थी।
जिसकी वजह से अंग्रेजी सरकार ने अपनी पूरी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। लेकिन कुछ गलतियों के कारण यह आंदोलन जल्दी ही असफल हो गया।
लेकिन ब्रिटिश सरकार को इस आंदोलन से एहसास हो गया था। कि भारत में उनका शासन अब ज्यादा समय तक चल पाना मुश्किल है। साथ ही इस बात का भी ब्रिटिश सरकार को एहसास हो गया था। कि उन्हें आज नहीं तो कल हमें भारत छोड़कर जाना ही होगा।
हिंदू-मुस्लिम एकता और छुआछूत को दूर करना [Abolition of Untouchability] -:
महात्मा गांधीजी ने ही समाज में फैली छुआछूत की भावना को दूर करने के लिए बहुत प्रयास किये थे, साथ ही उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए भी बहुत प्रयास किये थे।
महात्मा गांधी की मृत्यु (Death of Mahatma Gandhi):
नाथूराम गोडसे द्वारा 30 जनवरी सन 1948 को गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। नाथूराम गोडसे ने गांधीजी को 3 गोलियां मारी थी। गोली लगने के बाद उनके मुँह से निकले अंतिम शब्द थे -: ‘हे राम’। दिल्ली में राज घाट पर गांधीजी का समाधी स्थल बनाया गया हैं।
नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
पिता का नाम | करमचंद गांधी |
माता का नाम | पुतलीबाई गांधी |
जन्म दिनांक | 2 अक्टूबर, 1869 |
जन्म स्थान | गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | बैरिस्टर |
पत्नि | कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया [कस्तूरबा गांधी] |
संतान | 4 पुत्र -: हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास |
मृत्यु | 30 जनवरी 1948 |
गांधीजी ने ‘सत्य और अहिंसा’ के दम पर अपने जीवन में अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये है। वही आज भी यदि हम उनके सिद्धांतों को अपना ले तो समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।
ये भी पढ़े : संदीप माहेश्वरी के मोटिवेशनल कोट्स.
आप हमें कमेंट में जरूर बताये आपको महात्मा गांधी की जीवनी (Mahatma Gandhi Biography) कैसी लगी। साथ ही इस आर्टिकल को अपने मित्रो के साथ शेयर भी करे।